फर्जी आँकड़े तैयार कर रही योगी की टीम-11 : अजय कुमार लल्लू


लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश में नाबालिग बच्चियों के साथ हो रहे गैंगरेप, हत्या और महिलाओं पर होने वाली दरिंदगी के खिलाफ योगी सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि प्रदेश बलात्कारियों का हब बन चुका है। पूरे प्रदेश की कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो चली है। महिलाओं को सुरक्षा देने में योगी सरकार पूरी तरह से विफल है।


उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि लखीमपुर के वीभत्स गैंगरेप और हत्या की सियाही अभी सूख भी ना पाई थी कि आज़मगढ़ और योगी के गृह जनपद गोरखपुर की बलात्कार की घटना ने झाकझोर के रह दिया है। आज़मगढ़ में किशोरी के साथ गैंगरेप के बाद हत्या की गयी तो वहीँ गोरखपुर में बलात्कार के बाद दरिंदों ने दरिंदगी की सारी हदें तोड़ते हुए दलित किशोरी के शारीर को सिगरेट से दागा।


प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि लखीमपुर खीरी, सीतापुर, जालौन और अब गोरखपुर और आज़मगढ़ की वीभत्स घटनाओं से पूरा प्रदेश दहला हुआ है। लगातार इस तरह घटनाओं से यह साबित होता है कि महिलाओं को सुरक्षा देने में यह सरकार पूरी तरह विफल है। अपराधियों के मन मे कानून का डर समाप्त हो गया है। प्रदेश के अपराधी मनबढ़ ही चले हैं। कानून-व्यवस्था दम तोड़ चुकी है। प्रदेश का गृह विभाग जो योगी जी के पास है लकवाग्रत हो चुका है। पुलिस और प्रशासन न तो सुरक्षा दे पा रहा है और न ही कोई ठोस न्याय संगत कार्यवाही ही कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी ने कानून-व्यवस्था दुरुस्त करने और कड़े फैसले लेने के बजाय टीम-11 बना रखी है जो मुख्य रूप से कानून-व्यवस्था को लेकर फ़र्ज़ी आंकड़े जुटाती है और जनता को गुमराह करने का काम करती है। पुलिस और प्रशासन न तो सुरक्षा दे पा रहे हैं और न ही उचित कार्रवाई कर पा रहे हैं।


उन्होंने योगी सरकार को सलाह देते हुए कहा कि योगी उत्तर प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था की समीक्षा करे और महिलाओं की सुरक्षा सम्बंधित हर कदम गंभीरता से उठाए। ताकि बलात्कार का हब बन चूका प्रदेश में क़ानून का भय पैदा हो और ऐसी घटनाएं रूक सके।


प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने जारी बयान में कहा कि “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” का नारा दे के सरकार बनाने वाले योगी की सरकार में महिलाएं और बच्चियां सबसे ज्यादा असुरक्षित है। महिलाओं और बच्चियों को सुरक्षा देने में योगी सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है। क्या तथाकथित 'योगी मॉडल' की यही सच्चाई है ? मुख्यमंत्री मौन बने हुए हैं। सरकार को जवाब देना होगा कि आखिर उप्र में बहन-बेटियां सुरक्षित क्यूँ नहीं है?