- यूपी में भ्रष्टाचार से खाली पड़े खाजने को बेरोजगारों के पैसे से भरने का काम कर रही उप्र सरकार
- उत्तर प्रदेश के छात्रों-नौजवानों के मुद्दे पर 3 जनवरी को अलीगढ़ में महासम्मलेन
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार वर्ष 2017 में युवाओं से रोजगार देने का दावा किया था।
उन्होंने सत्ता में आने से पहले कहा था कि सत्ता में आने के 90 दिन के अंदर उत्तर प्रदेश में जो भर्तियां रुकी पड़ी है उन्हें भरने का काम करेगी, लेकिन ये सिर्फ चुनावी जुमला ही बन कर रहा गया। आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश के छात्र विंग के अध्यक्ष वंशराज दुबे ने अलीगढ़ स्थित पार्टी कार्यालय में सीवाईएसएस के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद प्रेस वार्ता के दौरान कहा।
उन्होंने कहा कि आदित्यनाथ जी उत्तर प्रदेश के नौजवानों को नालायक समझते है। योगी जी ने सत्ता में आने के बाद एक बयान दिया था कि उत्तर प्रदेश में नौकरियां तो बहुत है लेकिन उत्तर प्रदेश का नौजवान नौकरियों के लायक नहीं है। आज उत्तर प्रदेश का भ्रष्टाचार से जो खजाना खाली हुआ है उसको भरने के लिए योगी आदित्यनाथ जी बेरोजगारों के मां-बाप की कमाई को लूटने का काम करना है।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश 24 अप्रैल 2017 का हवाला देते हुए कहा कि योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद साडे 3 साल में दरोगा की कोई भी भर्ती नहीं निकाली है जबकि तत्कालीन गृह सचिव देवाशीष पांडा ने माननीय न्यायालय के सामने प्रतिवर्ष 3200 पदों पर भर्ती करने की बात कही थी।
किंतु दुर्भाग्य यह है कि उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड अध्यक्ष आरके विश्वकर्मा लगातार टीवी चैनलों और अखबारों से उत्तर प्रदेश के नौजवानों को झूठा आश्वासन देने का काम कर रहे हैं बोर्ड अध्यक्ष आरके विश्वकर्मा बिना कोई ऑफिशियल नोटिस जारी किए सिर्फ टीवी के माध्यम से छात्रों नौजवानों को गुमराह कर रहे हैं जो कि बेहद दुखद है हमारी यह मांग है उत्तर प्रदेश में खाली बड़े लगभग 15 से 16000 दरोगा पदों की भर्तियां यह सरकार तत्काल जारी करके पूर्ण कराएं।
उन्होंने योगी सरकार के भ्रष्टाचार का खुलासा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नौजवानों व बेरोजगारों को गुमराह किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से 21 सितंबर 2020 को एक ट्वीट जारी किया गया, जिसमें बताया जा रहे हैं उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में 16708 भर्तियां की गई है। जबकि सच्चाई यह है कि योगी जी ने 2017 से लेकर अब तक यानी साढे़ 3 सालों में अब तक से 12 भर्तियां निकाली है। उन 12 भर्तियों में अभी तक कोई भर्ती क्लियर नहीं हुई है।
भर्तियों में हुई भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में 2017 से लेकर 2020 तक भर्ती निकाली 12 कुल, कुल पद 11022 और फॉर्म भरे गए लगभग 51 लाख। उन अभ्यार्थियों के फॉर्म भरने से लेकर परीक्षा देने तक का खर्चा प्रति नौजवान यदि 2000 रुपये खर्चा जोड़ा जाए तो मोटा मोटा लगभग 10 अरब 20 करोड़ होते हैं और नियुक्तियां जीरो हुई। इतना पैसा लूटा है योगी सरकार ने कि इस पैसे से 11000 लोग जिंदगी भर बैठ कर खा सकते हैं।
साल 2018 में ग्राम विकास अधिकारी (VDO) में 2953 पदों के लिए भर्तियां निकली गई थी। लगभग 14 लाख बच्चों ने इसका फॉर्म भरा। 9-10 लाख बच्चों ने इसकी परीक्षाएं दी, 185 रुपये प्रति छात्र फीस लेकिन चयनित होकर भी दर-दर भटक रहेे है छात्र। सोशल मीडिया व अन्य तरीके से नौजवान गुहार लगा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि देश अभिभावक जिसने दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था आखिर वो इस मुद्दे पर चुप क्यों बैठे है? उन्होंने सरकार से आज तक एक भी सवाल क्यों नहीं किया? उत्तर प्रदेश के नौजवानों के कंधे पर बैठकर योगी आदित्यनाथ जी सत्ता के शिखर पर पहुंचे हुए हैं लेकिन आज उन नौजवानों को ठगने का काम कर रही है। फॉर्म भरने के नाम पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इन तमाम मसलों को लेकर 03 जनवरी को आम आदमी पार्टी की छात्र संगठन सीवाईएसएस उत्तर प्रदेश अलीगढ़ में एक महासम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।सम्मेलन में अलीगढ़ मंडल के सभी नौजवान हिस्सा लेगा। इस दौरान छात्रों और नौजवानों के तमाम मुद्दों पर विचार करेंगे। योगी सरकार ने जिस तरह नौजवानों को ठगने का काम किया है उनको मुंहतोड़ जवाब देंगे और उनकी जवाबदेही तय करेंगे।
बैठक में अलीगढ़ जिलाध्यक्ष परवेज अली खां, सीवाईएसएस प्रदेश उपाध्यक्ष क़ामिल खान, लखनऊ सीवाईएसएस अध्यक्ष ऋषियंत कटियार, अलीगढ़
सीवाईएसएस अध्यक्ष गौरव शर्मा ,इमरान समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे।