कोरोना संक्रमण की 50 लाख (50,80,205) से अधिक टेस्टिंग कर उत्तर प्रदेश, देश में सबसे अधिक कोरोना टेस्ट कराने वाला प्रदेश बन गया है। यह, वैश्विक महामारी कोराना संक्रमण की रोकथाम के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की प्रतिबद्धता, सक्रियता, नियोजन और कुशल क्रियान्वयन को प्रकट करता है।
विदित हो कि सर्वप्रथम कोरोना संक्रमित लोगों की जाँच कर उनके इलाज के द्वारा ही इसके प्रसार को रोका जा सकता है। अतः उ.प्र. की योगी सरकार ने युद्धस्तर पर कोरोना टेस्टिंग कार्य को अभियान रूप में प्रारम्भ किया। परिणामतः आज उत्तर प्रदेश देश में सबसे अधिक टेस्टिंग वाला राज्य बन गया है।
महज तीन चिकित्सा विश्वविद्यालयों से कोराना जांच का सफर शुरू करने वाले प्रदेश में आज सरकारी और निजी क्षेत्र की कुल 194 टेस्टिंग लैब संचालित हैं। आज प्रदेश का हर जनपद, कोविड टेस्टिंग के मामले में मील का पत्थर बन गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कोविड टेस्टिंग के महत्व को समझते हुए आवश्यक संसाधनों के उपलब्धता के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। यहां तक कि गोवा से ट्रू-नैट मशीनों को लाने के लिए उन्होने अपना सरकारी विमान भी प्रयोगार्थ उपलब्ध करा दिया था। स्वास्थ्य उपकरणों को लाने हेतु सरकारी विमान के प्रयोग की यह प्रदेश में पहली घटना थी।
टेस्टिंग के संदर्भ में आमजन की सहूलियत हेतु सरकार द्वारा निजी पैथोलाजी के लिए भी अधिकतम शुल्क की दर निर्धारित की गई। जिससे निजी पैथोलाजियों की मनमानी लूट पर विराम लगा। सभी सरकारी प्रतिष्ठानों, कार्यालयों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों आदि में 62755 ‘कोविड हेल्प डेस्क’ की स्थापना कर कोराना संक्रमण की जांच को नई दिशा प्रदान की गई।
गौरतलब है कि 25 अगस्त 2020 तक ट्रृनैट मशीनों के प्रयोग से 1,60,045 जांचे सम्पन्न हुईं तो एंटीजन टेस्टिंग के माध्यम से 21,61,508 जाचें प्रदेश भर में हुईं।
टीम-11 की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा जांच के लिए प्रतिदिन नया टास्क देने का प्रतिफल है कि एक दिन में सर्वाधिक जांचों का रिकार्ड भी उ.प्र. के पास है।