एमएसएमई के लिए आशा की नई  किरण है "सिडबी"


- स्टार्टअप्स इकोनॉमी लिए के बूस्टर साबित होगी सिडबी


- मुख्यमंत्री योगी ने किया सिडबी के मुख्यालय भवन 'स्वावलंबन केंद्र' का शिलान्यास


- लखनऊ के गोमती नगर विस्तार में बनेगा सिडबी मुख्यालय


लखनऊ। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को प्रोत्साहित कर युवाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए योगी सरकार संजीदा है। राजधानी के गोमती नगर विस्तार में बनने वाले भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक सिडबी के नये मुख्यालय भवन के ऑनलाइन शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, देश के सबसे बड़ी आबादी के राज्य में सिडबी का मुख्यालय होना राज्य के एमएसएमई सेक्टर के लिए प्रसन्नता का विषय है। इससे स्टार्ट अप इंडिया, स्टैण्ड अप इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी परिवर्तनकारी योजनाएं प्रदेश में और प्रोत्साहित होंगी। 


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि एमएसएमई इकाइयों का संवर्धन, वित्त पोषण एवं विकास तथा इस क्षेत्र की विभिन्न संस्थाओं के कार्यकलापों का समन्वय आसान होगा। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा स्टार्ट अप इंडिया, स्टैण्ड अप इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी परिवर्तनकारी योजनाएं प्रारम्भ की गई हैं, इन योजनाओं ने सकारात्मक सोच बनाई है। राज्य सरकार ने ‘यूपी स्टार्ट अप फण्ड‘ के तहत 1,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। युवा रोजगार आकांक्षी होने के स्थान पर रोजगार प्रदाता बन रहे हैं। 


मुख्यमंत्री योगी ने कहा, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया और मेक इन इंडिया जैसे कार्यक्रमों के वित पोषण का आधार है। सिडबी के माध्यम से इन कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में मदद मिली है। उसके बहुत सकारात्मक परिणाम युवाओं में और समाज के विभिन्न तबकों में देखने को मिले हैं। इस समय दुनिया वैश्विक महामारी से जूझ रही है। ऐसे में स्टार्टअप तथा एमएसएमई सेक्टर उम्मीद की एक नई किरण के रूप में सामने है। इस चुनौतीपूर्ण समय में सपनों को साकार करने एवं अर्थव्यवस्था को और सुधारने में सिडबी की बड़ी भूमिका हो सकती है। 


एमएसएमई क्षेत्र होगा प्रोत्साहित 
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सिडबी का नया मुख्यालय भवन ‘स्वाबलंबन केंद्र‘ का शिलान्यास सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग से जुड़े कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। स्टार्टअप की स्थापना में और सहूलियत होंगी। प्रदेश में एक नई कार्य संस्कृति देखने को मिलेगी। यह एमएसएमई सेक्टर के लिए एक नई आशा की किरण है। 


यूपी स्टार्टअप फण्ड में 1000 करोड़ ₹, की व्यवस्था :


उत्तर प्रदेश सरकार स्टार्टअप स्थापना के लिए आधारभूत संरचना तथा सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कृत संकल्पित है। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में स्टार्टअप फंड की स्थापना करते हुए 1,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। यह युवाओं के अभिनव विचारों को साकार करने में एक सार्थक माहौल प्रदान करेगा। सिडबी और उत्तर प्रदेश सरकार के मध्य एमओयू हस्ताक्षरित हुआ है। उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप नीति के तहत सीडीबी के द्वारा रुपये 15 करोड़ फंड आफ फंड्स की व्यवस्था की गई है। उत्तर प्रदेश के एमएसएमई सेक्टर को सिडबी का साथ मजबूत करेगा। इससे आत्मनिर्भर अभियान तथा युवाओं को स्वावलंबन की ओर अग्रसर होने में मदद मिलेगी।


गेम चेंजर बनी ओडीओपी योजना :


मुख्यमंत्री योगी ने कहा, उत्तर प्रदेश की अभिनव योजना ‘वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट‘ योजना एमएसएमई सेक्टर के लिए गेम चेंजर का काम करेगी। वर्ष 2018 में प्रारम्भ होने वाली इस ‘वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट‘ योजना को भारत सरकार ने भी अपने अभियान का हिस्सा बनाया है। प्रत्येक राज्य को इस दिशा में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया है। आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना का आधार बनकर यह योजना निश्चित ही इन कार्यक्रमों को आगे बढ़ाएगी।


ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट आधारित है स्वावलंबन केंद्र :


सिडबी का मुख्यालय नये काॅन्सेप्ट ग्रीन बिल्डिंग के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें सौर उर्जा, जल संरक्षण और वेस्ट प्रोडक्ट की बचत के साथ ही जल की रीसाइक्लिंग और रिचार्जिंग की व्यवस्था होगी। इस इमारत में सौर ऊर्जा का बेहतर उपयोग होगा। यह ग्रीन बिल्डिंग का नया कांसेप्ट ऊर्जा की बचत के साथ ही ग्रीन एनर्जी को प्रोत्साहित करने के अभियान को प्रोत्साहित करेगा।