उत्तर प्रदेश में टेस्टिंग का बना नया रिकॉर्ड, देश के कई राज्य पिछड़े


- मार्च 2020 से 16 जून तक टेस्टिंग की क्षमता 160 गुना बढ़ी


- तीन महीने में एक हजार से 1 लाख कोरोना बेड की संख्या की पार


18 जून, लखनऊ। उत्तर प्रदेश ने टेस्टिंग के मामले में एक नया रिकॉर्ड बना लिया है। बीते 24 घंटे के भीतर उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 16,546 कोरोना टेस्ट किए गए। यानि मार्च 2020 से 16 जून तक अब क्षमता 160 गुना तक बढ़ गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि जून के अंत तक प्रदेश में 25 हजार टेस्टिंग क्षमता प्रतिदिन की जाए।


*उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन हो रही 16,546 टेस्टिंग*


प्रदेश में कोरोना का आहट लगते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टेस्टिंग की क्षमता पर विशेष ध्यान दिया था। मार्च 2020 में प्रदेश में 100 टेस्ट प्रतिदिन हो रहे थे, वहीं अब 16 जून तक ये आंकड़ा 16 हजार के पार पहुंच चुका है। यही नहीं युद्धस्तर पर पूल टेस्टिंग करने में उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य  बना।  मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दिल्ली में प्रतिदिन 5 हजार, महाराष्ट्र में प्रतिदिन 14 हजार टेस्ट हो रहे हैं।


*उत्तर प्रदेश में देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा कोरोना बेड*


आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा प्रदेश होने के बाद भी यहां कोरोना मरीजों की संख्या काफी कम है। जाहिर है अगर टेस्ट ज्यादा होंगे तो संख्या में इजाफा होना लाजिमी है। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना की वैश्विक लड़ाई में खुद को हर स्तर पर मजबूत किया है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश देश में सबसे ज्यादा कोरोना बेडों की संख्या वाला प्रदेश हैं। जहां मौजूदा हालत में एक लाख 236 बेड तैयार है। जिसे डेढ़ लाख तक पहुंचाने के निर्देश मुख्यमंत्री योगी ने दे दिए हैं। जिनमें लेवल 1, लेवल 2 और लेवल 3 के बेड शामिल है। आंकड़ों पर गौर करें तो मार्च 2020 में यहां केवल 1000 बेड की व्यवस्था थी जिसे योगी सरकार ने तेजी से बढ़ाया।


*सभी जिलों में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की सुविधा*


यही नहीं प्रदेश के सभी जिलों में ऑक्सीजन और वेंटीलेटर की सुविधा उपलब्ध है। प्रदेश के सभी 75 जनपदों में ट्रूनेट मशीन भी स्थापित हैं ताकि टेस्टिंग में और तेजी लाई जा सके। प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में भी ट्रूनेट मशीन स्थापित हो चुकी है। प्रदेश में कोरोना से लड़ने के लिए 2,32,563 लोगों की टीम लगाई गई है। जिनमें चिकित्सक, स्टॉफ नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, एएनएम और आशा शामिल हैं। प्रदेश में 1,21,746 टीमों ने 92.1 लाख घरों का भ्रमण कर 4.70 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग व उनको जागरुक किया गया। ग्राम व शहर स्तर पर 70 हजार निगरानी समितियों का गठन कर 16.75 लाख प्रवासियों की ट्रैकिंग की गई है।


*आईसीएमआर ने भी योगी सरकार की तारीफ*


हाल ही में कोरोना से छिड़ी जंग के बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जिस तरीके से लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए कदम उठाया है उसको लेकर आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) ने भी तारीफ की है। आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कोविड-19 को लेकर की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा की गई स्वास्थ्य सुविधाओं और अन्य व्यवस्थाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के राहत अभियान को उत्तर प्रदेश सरकार ने अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।