कोविड अस्पतालों में बेड की संख्या डेढ़ लाख तक बढ़ाएं : मुख्यमंत्री योगी


- जिलाधिकारियों को कहा, बाल संरक्षण गृह, महिला संरक्षण गृह और वृद्धाश्रम में कोरोना जांच करायें


- कोरोना सैंपल लेने के बाद जल्द परिणाम जारी करें


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि टेस्टिंग व्यवस्था आईसीएमआर के प्रोटोकॉल के तहत स्थापित की जाए। ऐसे टेस्टिंग लैब स्थापित किए जाएं, जो न केवल कोरोना बल्कि अन्य वायरस संबंधित बीमारियों की जांच के लिए भी उपयोग किए जा सकें। प्रदेश में लगभग 8 बड़े नए टेस्टिंग लैब स्थापित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग को कोविड अस्पतालों में बेड की संख्या डेढ़ लाख तक बढ़ाने का निर्देश दिया है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि अगले कुछ दिनों में 25 हज़ार टेस्ट करने की क्षमता को अर्जित करना है।


उक्त जानकारी गुरूवार को यहां लोकभवन में कोरोना वायरस के संबंध में किए गए प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अपर मुख्य सचिव, गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने टेस्टिंग की क्षमता को और आगे बढ़ाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि टेस्टिंग के मामले में प्रदेश को पूरे देश में प्रथम स्थान पर लाना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि टेस्टिंग प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से पूरी की जाए। सैंपल लेने के बाद जल्द से जल्द उसका परिणाम जारी किया जाए।


अपर मुख्य सचिव, गृह एवं सूचना ने बताया कि  मुख्यमंत्री ने कहा है कि बेड की व्यवस्था मानकों के अनुरूप की जाए और इसकी निरंतर मॉनिटरिंग भी की जाए। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि बाल संरक्षण गृह, महिला संरक्षण गृह और वृद्धाश्रम जैसे स्थानों में व्यापक रूप से कोरोना की जांच की जाए। वहां संक्रमण न फैले। उन्होंने जिलाधिकारियों को स्वयं इसकी निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं।


अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि प्रदेश के चौराहों सहित सभी प्रमुख स्थानों पर कोरोना को लेकर सावधानियां बरतने के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि सावधानी बरतना ही कोरोना का इलाज है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने रात के कर्फ़्यू का पालन करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही उन्होंने चिकित्सालयों में एक हेल्प डेस्क बनाने का निर्देश भी चिकित्सा अधिकरियों को दिया। अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पशु चिकित्सा अधिकारियों को गो आश्रय स्थलों पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी पशु आश्रय स्थल पर यदि जानवर की संदिग्ध मृत्यु होती है, बीमारी फैलती है या प्रबंधन से सम्बन्धित कोई कमी उजागर होती है, तो ऐसी स्थिति में सम्बन्धित जिले के पशु चिकित्सा अधिकारी व्यक्तिगत रूप से इसके लिए ज़िम्मेदार माने जाएंगे।


*प्रदेश में लगातार हो रही है रैंडम टेस्टिंग, राज्य में एक्टिव केस की संख्या 5659: अमित मोहन प्रसाद*


पत्रकारवार्ता में मौजूद प्रमुख स्वास्थ्य सचिव, अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि प्रदेश में लगातार रैंडम टेस्टिंग की जा रही है। हमने वृद्धाश्रम, राजकीय बाल गृह और नारी निकेतन में सैंपलिंग का कार्य करवाया है। उन्होंने बताया कि ऐसे कुछ स्थानों पर संक्रमण देखने को मिला है। कानपुर राजकीय बाल गृह और नारी निकेतन में संक्रमण मिला है। कल तक सारे सैंपल के नतीजे सबके सामने होंगे। उन्होंने बताया कि जहां भी संक्रमण की अधिक संभावना है, वहां हमने सैंपलिंग का कार्य शुरू किया है। इसी क्रम में शहरी क्षेत्रों के स्लम एरिया, ऑटो चालक, ट्रक चालक, ढ़ाबा, होम डिलिवरी बॉय, फल-सब्ज़ी वेंडर और दवा की दुकान के सेल्समेंनों का रैंडम टैस्ट भी किया जाएगा। एक्टिव मरीजों की संख्या 5 हज़ार 659 है। पिछले 24 घंटों में कुल 604 नए मामले प्रकाश में आए हैं। 9638 लोग अबतक इस संक्रमण से पूर्णत: उपचारित होकर अपने घर जा चुके हैं।