- मुख्यमंत्री ने आगरा, मेरठ और कानपुर में लाकडाउन को सख्त करने के दिए निर्देश
- कानपुर, मेरठ और आगरा की विशेष समीक्षा करेंगे उच्च अधिकारी, नोडल अधिकारी प्रतिदिन सुबह व शाम भेजेंगे रिपोर्ट
- कानुपर में यूपीसीडा के एमडी अनील गर्ग और आईजी दीपक रतन, आगरा में प्रमुख सचिव आलोक कुमार और आईजी विजय कुमार, मेरठ में प्रमुख सचिव टी.वेंकटेश और आईजी लक्ष्मी सिंह को सौंपी गई कमान
- 215 ट्रेनों से 2 लाख से अधिक श्रमिकों की हुई वापसी
- तबलीगी जमात के 2670 लोगों को किया गया क्वारंटीन
- तबलीगी जमात के 325 विदेशी नागरीकों के खिलाफ एफआईआर
- कोरोना वायरस के संबंध में अपर मुख्य सचिव, गृह एवं प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने लोकभवन में की प्रेस कॉन्फ्रेंस
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को मेरठ, कानपुर और आगरा पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया है। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि कानपुर, मेरठ और आगरा की विशेष समीक्षा करें। इन जनपदों में तैनात नोडल अधिकारी प्रतिदिन सुबह व शाम अपनी रिपोर्ट शासन को भेंजे। उन्होंने कहा कि इन तीनों जनपदों में लाकडाउन का पालन सख्ती से हो। साथ ही तीनों जनपदों में कोविड केयर की कमान तीन वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को सौंप दिया है।
उक्त जानकारी रविवार को यहां लोकभवन में कोरोना वायरस के संबंध में किए गए प्रेस कांफ्रेंस में अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने पत्रकारों को दी। अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम 11 के साथ बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया कि बाहरी राज्यों से आने वाले कामगारों व श्रमिकों की सकुशल वापसी कराई जाए। सीएम योगी ने विशेष रूप से कानपुर, मेरठ और आगरा में लॉकडाउन का पालन कराने पर बल दिया।
सीएम योगी के निर्देश पर इन तीन जनपदों में कोविड केयर की कमान तीन वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को दे दिया गया है। कानुपर में उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के एमडी अनील गर्ग और आईजी दीपक रतन को तैनात किया गया है। इसी तरह आगरा में प्रमुख सचिव अवस्थापना आलोक कुमार और आईजी विजय कुमार की तैनाती की गई है। मेरठ की कमान सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव टी.वेंकटेश और आईजी लक्ष्मी सिंह को दी गई है। इन सभी के साथ स्वास्थ्य विभाग के भी दो वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती के आदेश हुए हैं। सीएम योगी ने इन जनपदों से हर दिन सुबह और शाम को रिपोर्ट लेने का आदेश दिया है।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के लिए लगातार श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। रविवार को भी 57 ट्रेनों से 70 हजार से अधिक लोगों की उत्तर प्रदेश में वापसी हुई। आने वाले दिनों में करीब तीन लाख लोगों के वापसी करने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि अभी तक 215 ट्रेन आ चुकी हैं या आने वाली हैं। उत्तर प्रदेश में 40 जिलों के स्टेशन को श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि सीएम योगी के दिशा निर्देशन में अबतक 215 ट्रेनों से 2 लाख 30 हजार से अधिक लोगों की वापसी सुनिश्चित की गई है। उन्होंने बताया कि 200 और अतिरिक्त ट्रेनों को अनुमति दे दी गई है। ये ट्रेन अगले दो दिनों में आ जाएंगी। उन्होंने बताया कि ट्रेनों से आने वाले लोगों का स्टेशन पर ही मेडिकल जांच कराई जा रही है। इसके बाद उन्हें होम क्वारंटीन के लिए भेजा जा रहा है।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि वर्तमान में प्रतिदिन चार से पांच हजार कोरोना संक्रमितों के ब्लड का सैंपल टेस्ट किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे 10 हजार करने का करने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि 20 जनपदों में 2931 तबलीगी जमात के लोगों की पहचान हुई है। इनमें से 2670 को क्वारंटीन कराया गया है। साथ ही जमात के ही 325 विदेशी नागरिकों के खिलाफ 44 एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 71 जनपदों के 308 थाना क्षेत्रों में 467 हॉटस्पॉट एरिया को चिन्हित कर लिया गया है। इनमें 8 लाख 77 हजार मकान और करीब 49 लाख लोग हैं।
- प्रदेश में अब तक 1884 केस, 1504 हुए ठीक : प्रमुख सचिव स्वास्थ्य
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि प्रदेश में अब 1884 एक्टिव केस हैं। उपचार के बाद 1504 पेशेंट पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं और उन्हें घर भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि शनिवार को कोरोना के 4861 सैंपलों की टेस्टिंग की गई। रविवार को 1365 सैंपलों को मिलाकर 273 सैंपलों का पूल टेस्ट किया गया। आइसोलेशन वार्ड में 1953 लोगों को और क्वारंटीन सेंटर में 9003 लोगों को रखा गया है।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि कोरोना से लड़ाई को और मजबूती देते हुए इलेक्ट्रॉनिक कोविड केयर सपोर्ट (ईसीसीएस) नेटवर्क की स्थापना की गई है। इस सिस्टम के जरीए कोविड व नॉन कोविड अस्पतालों और डाक्टरों को चिकित्सकीय परामर्श मुहैया कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि किसी भी अस्पताल के डॉक्टर कोविड-19 के लक्षण नहीं जानते हैं, इसके इलाज में पर्याप्त विशेषज्ञता नहीं रखते हैं और सलाह की आवश्यकता होती है तो ईसीसीएस टीम से संपर्क कर सकते हैं। लेवल एक से लेकर लेवल तीन तक अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को अगर विशेषज्ञों के परामर्श की आवश्यकता है तो वह भी सलाह ले सकते हैं। इसके लिए मंडल स्तर के अस्पतालों को मेंटर की भूमिका में रखा गया है।