प्रदेश में ग्रीन व ऑरेंज जोन में कार्ययोजना बनाकर आवश्यक गतिविधियों को शुरू कराएं अधिकारी : मुख्यमंत्री योगी

- प्रदेश में ग्रीन व ऑरेंज जोन में कार्ययोजना बनाकर आवश्यक गतिविधियों को शुरू कराएं अधिकारी : मुख्यमंत्री योगी


- कोरोना वायरस के संबंध में अपर मुख्य सचिव, गृह एवं प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने लोकभवन में की प्रेस कॉन्फ्रेंस


- प्रयागराज से सेंकड़ों अध्ययनरत छात्र पहुंचे अपने घर


- 5 अन्य जिलों में भी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की तैनाती


- राज्य के 25 जिलों में कोरोना नहीं


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को हॉटस्पॉट जिलों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने निर्देशित किया कि हॉटस्पॉट एरिया के सभी मकानों को सेनेटाइज किया जाए। इसके साथ ही ग्रीन व ऑरेंज जोन में कार्ययोजना बनाकर गतिविधियों को शुरू कराने का आदेश भी सीएम योगी ने अधिकारियों को दिया है। उन्होंने प्रदेश में मास्क निर्माण के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों का चयन करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया।


उक्त जानकारी मंगलवार को यहां लोकभवन में कोरोना वायरस के संबंध में किए गए प्रेस कांफ्रेंस में अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी एवं प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने पत्रकारों को दी। अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को टीम-11 के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रदेश में लॉकडाउन के स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में लॉकडाउन को गंभीरता से पालन किए जाने का निर्देश दिया।


अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद प्रयागराज में शिक्षारत 10 हजार छात्रों को उनके गृह जनपदों तक पहुंचाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। मंगलवार शाम तक सेंकड़ों छात्रों को लेकर 80 बसें रवाना कर दी गई थी। हर बस में 30 छात्रों को रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि इन सभी छात्रों का स्वास्थ्य परिक्षण भी कराया गया है, इसके बाद इनके गृह जनपद पर भी छात्रों का मेडिकल टेस्ट कराया जाएगा।


अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर ही 18 जिलों में विशेष नोडल अधिकारियों की तैनाती की गई है। इस क्रम में सीएम योगी ने मंगलवार को हापुड़, वाराणसी, रामपुर, मुजफ्फरनगर और अलीगढ़ में भी एक पुलिस के साथ एक वरिष्ठ अधिकारी की तैनाती करने का आदेश दिया है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रयोग किए जाने वाले पीपीई किट को लेकर भ्रामक व तथ्यहीन बातें फैलाई जा रही हैं।


अपर प्रमुख सचिव, ग्रृह ने बताया कि कोविड केस के आने पर पहले से मौजूद एस1, एस2 के लिए उपलब्ध पीपीई किट का प्रयोग शुरू किया गया था। जिसे 115 रूपयें में अक्टूबर 2019 में खरीदा गया था। कोविड केस आने के समय स्वास्थ्य कर्मियों को फौरी बचाव के लिए ही इस पीपीई किट को उपलब्ध कराया गया। हालांकि जैसे ही कोविड के लिए मानक अनुसार पीपीई किट उपलब्ध होने लगी तो एस1, एस2 के पीपीई किट को वापस मंगा लिया गया। नई किट की कीमत 1100 रूपये से अधिक है। पीपीई किट के संबंध में भ्रामक व तथ्यहीन बातों को किसने फैलाया है? इस बात की जांच भी की जा रही है।


- प्रत्येक जिले में मेडिकल इंफेक्शन की निगरानी व बचाव के लिए समिति बनाने का कार्य लगभग पूरा


प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि प्रदेश में अबतक 2043 केस सामने आए हैं। जिनमें 1612 एक्टिव केस हैं। उपचार के बाद 2043 में से 400 पेशेंट पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं और उन्हें घर भेज दिया गया है। हालांकि कोरोना के कारण प्रदेश में 31 लोगों की मौत हुई है। प्रदेश के 60 जनपद कोरोना से प्रभावित हुए हैं। जिनमें से 7 जिले वर्तमान में कोरोना से मुक्त होने में सफल हुए हैं। 15 जिलों में अभी भी कोरोना का कोई केस नहीं मिला। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एल—1 अस्पतालों में और 8 हजार बेड को बढ़ाया जा रहा है।


प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि प्रत्येक जिले में मेडिकल इंफेक्शन की निगरानी व बचाव के लिए समिति बनाने का कार्य लगभग पूरा हो गया है। यह समिति अपर मुख्य चिकित्साधिकारी के देखरेख में कार्य करेगी। इसमें जिला अस्पताल, महिला अस्पताल, आईएमए, डब्ल्यूएचओ, यूनीसेफ और पाल्यूशन कंट्रोल बोड के प्रतिनिधि को सदस्य बनाया गया है। उन्होंने बताया कि मेडिकल क्वारंटीन में 11725 और आइसोलेशन में 1764 लोगों को रखा गया है। सोमवार को 2900 कोरोना के सैंपल भेज गए थे, जिसमें पिछले सैंपलों के सहित 4384 सैंपलों की टेस्टिंग की गई।