पुरानी गाड़ी के लिए नम्बर पोर्टिबिलिटी योजना व आनलाइन डीलर ट्रेड सर्टिफिकेट का शुरू

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अशोक कटारिया ने कहा कि वास्तविक जीवन में नायक वही लोग हैं, जो घायलों की मदद करते हैं और उनकी जान बचाते हैं। उन्होंने जब बच्चे अच्छी भूमिका लेकर के साथ आगे बढ़ेगे, तभी देश का विकास संभव होगा। उत्तर प्रदेश के अधिकांश स्कूल/कालेजों में संड़क सुरक्षा के प्रति नवयुवकों में जागरूकता लाने हेतु इस विषय को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने पर विशेष बल दिया जा रहा है। विद्यार्थियों के बीच इस विषय को ले जाने से इसके सार्थक परिणाम प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि रोड सेफ्टी क्लब को एक मुहिम के तौर पर प्रदेश भर में लागू किया जायेगा। प्रथम चरण में इसे प्रदेश के 200 स्कूलों में शुरू किया जा रहा है।
श्री कटारिया आज 31वें राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह के अवसर पर यहां स्थानीय निकाय निदेशालय, गोमती नगर में आयोजित रोड सेफ्टी क्लब के शुभारम्भ एवं गुड सेमेरिटन सम्मान समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को गोल्डेन आवर में चिकित्सालय पहुंचाने वाले 18 गुड सेमेरिटन (नेक आदमी), 18 यातायात पुलिस एवं 15 परिवहन विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों को अंगवस्त्र एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। साथ ही पुरानी गाड़ी का नम्बर नये वाहन पर लेने के लिए नम्बर पोर्टिबिलिटी योजना एवं आनलाइन डीलर ट्रेड सर्टिफिकेट का शुभारम्भ भी किया गया। सड़क सुरक्षा संबंधी कार्यों में तकनीकी परामर्श एवं सहयोग प्रदान कराने हेतु सेव लाइफ फाउंडेशन (एसएलफ) के साथ एमओयू भी हुआ। इसके अलावा सड़क सुरक्षा पर आधारित ब्रोशर का विमोचन भी श्री कटारिया द्वारा किया गया।
परिवहन मंत्री ने कहा कि समय बहुमूल्य है, लेकिन मनुष्य का जीवन अमूल्य है। किसी प्रकार की सड़क दुर्घटना न होने पाये इसके लिए सावधानी सबसे बड़ा बचाव है। जब बच्चे अच्छी भूमिका के साथ आगे बढ़ेंगे, तभी देश आगे का विकास सम्भव होगा। महिलाओं को भी इस अभियान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने चाहिए। उन्होंने कहा कि समस्याओं के केन्द्र स्वयं से शुरू होते हैं और खुद ही इसका समाधान करना होगा। जिस दिन से इस बात को लोग आत्मसात कर लेंगे, उस दिन से दुर्घटना कम हो जायेंगी। उन्होंने लोगों से आह्वाहन किया कि वे खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सुरक्षित रखें।
प्रमुख सचिव, परिवहन आरके सिंह ने कहा कि डग्गामार वाहनों पर अंकुश लगाने के लिए टेक्नालाजी का सहारा लिया जायेगा। ओवर लोडिंग को पूर्णतया बंद कराया जायेगा। इसके लिए प्रभावी कदम उठाये जा रहे हैं।
परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने कहा कि गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष सड़क दुर्घटना में कोई वृद्धि नहीं हुई है। सुधार के कदम सही दिशा में और तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना में 52 फीसदी मृत्यु ओवर स्पीडिंग से होती है, जबकि 17 प्रतिशत मौतें गलत दिशा में वाहन चलाने से हो रही हैं। ट्रैफिक नियमों का पालन न करना दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण है। दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए वर्ष में चार बार सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। बेसिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा  के पाठ्यक्रमों में सड़क सुरक्षा संबंधी विषय को शामिल कराया जायेगा।
श्री साहू ने कहा कि सड़क दुर्घटना रोकने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस एवं वाहनों के फिटनेस हेतु सुधारात्मक कदम उठाये गये हैं। कानपुर एवं बरेली में आटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक की स्थापना कराई जा रही है। व्यावसायिक वाहनों के फिटनेस परीक्षण हेतु इंस्पेक्शन एण्ड सर्टिफिकेशन संटर स्थापित कराया जायेगा। वाहनों के फिटनेस टेस्ट के लिए निजी क्षेत्रों को भी जोड़ा गया है। मोटर व्हीकल एक्ट को कड़ाई से लागू किया गया है। इमरजेंसी केयर सिस्टम को सुदृढ़ बनाया गया है।
कार्यक्रम में सेव लाइफ फाण्डेशन के संस्थापक पीयूष तिवारी, पद्मश्री सुब्रतो दास, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, लाइफलाइन फाउण्डेशन एवं आई0आई0एम0 लखनऊ के प्रो0 संजय कुमार सिंह द्वारा ‘‘हाऊ कैन यूथ सप्लीमेंट गवर्नमेंट इन मेकिंग रोड सेफर’’ विषय पर एक पैनल डिस्कशन किया गया। इसमें विभिन्न स्टेकहोल्डर विभागों, सरकारी अधिकारियों एवं 300 से अधिक छात्रों की भागीदारी भी रही। सेफर इण्डिया चैलेंज एक पांच महीनें के अवधि की स्पर्धा है, इसे वार्षिक स्तर पर आयोजित किया जाता है। यह सुरक्षित उत्तर प्रदेश बनाने की दिशा में एक अग्रणी कदम है। इस प्रतिस्पर्धा के तहत काॅलजों में सड़क सुरक्षा क्लब गठित किये गये है, जो पांच महीने की अवधि के दौरान सड़क सुरक्षा के संबंध में जागरूकता पर कार्य करेंगे।
कार्यक्रम में सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को गोल्डेन आवर में चिकित्सालय पहुंचाने वाले 18 गुड सेमेरिटन में बरेली के विजय पाल सिंह, औरैया के राशिद, देवरिया के सुजीत सिंह, कुशीनगर के इसोहन कुमार सिंह, महाराजगंज के राकेश कुमार गुप्ता, लखनऊ की सुश्री गरिमा कपूर, अलीगढ़ के मनोज कुमार, हाथरस के हेम सिंह, फतेहपुर के अशोक तपस्वी, वाराणसी के बचाऊ सिंह, गाजीपुर के इमरान, शाहजहांपुर के विभु तिवारी, बदायूं के पवन कुमार, पीलीभीत के जितेन्द्र कुमार, बिजनौर के नीरज तुली, गौतमबुद्ध नगर के अब्दुल कादिर, श्रावस्ती के सूफी सगीर व मिर्जापुर के आशीष श्रीवास्तव को अंगवस्त्र एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।


साथ ही 18 यातायात पुलिस कर्मी में बरेली के शाने आलम, देवरिया के रामवृक्ष यादव, कुशीनगर के परमहंस, महाराजगंज के बरजोर सिंह, बांदा के यशवन्त सिंह, हमीरपुर के मो0 हनीफ खान, अलीगढ़ के अवनीश कुमार, गाजीपुर के सुधीर कुमार त्रिपाठी, बदायूं के राम मिलन, पीलीभीत के अरूण कुमार, बिजनौर के जगदीश सिंह, मऊ के प्रकाश शुक्ला, बलिया के सुरेश चन्द्र द्विवेदी, गौतमबुद्ध नगर के आदित्य प्रताप सिंह, अयोध्या के अभिषेक कुमार, इटावा के राज कुमार, मिर्जापुर के दीनदयाल सिंह व फिरोजाबाद के रामवीर सिंह को सम्मानित किया गया।
इनके अतिरिक्त सराहनीय योगदान देने वाले जिन 15 परिवहन विभाग के कर्मियों का सम्मानित किया गया उनमें शामली के एआरटीओ मंशीलाल, भगवान प्रसाद, अश्वनी कुमार राजपूत, संतदेव सिंह, राजेश करदम, शंकर जी सिंह, आरबी सोनकर, बृजेश कुमार अस्थाना एवं यात्रीकर अधिकारी राजेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, अर्जुन कुमार श्रीवास्तव, कृष्ण घनश्याम संजय, खुर्शीद अहमद, कौशलेन्द्र प्रताप सिंह, शैलेन्द्र तिवारी तथा शैफर किदवई शामिल थे।
कार्यक्रम में यूपीएसआरटीसी के प्रबंध निदेशक डा. राजशेखर, विशेष सचिव परिवहन अखिलेश मिश्रा, सह परिवहन आयुक्त (सड़क सुरक्षा) गंगाफल, सहायक परिवहन आयुक्त पीएस सत्यार्थी, एआरटीओ लखनऊ संजय तिवारी, संजीव गुप्ता सहित विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।