गंगा यात्रा के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगे योगी-योगी के नारे

गंगा यात्रा के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगे योगी-योगी के नारे


लखनऊ। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि गंगा नदी का न सिर्फ़ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है बल्कि देश की 40 फीसदी आबादी गंगा नदी पर निर्भर है। सच्चाई यही है तभी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगा को आस्था और अर्थव्यवस्था के साथ जोड़ने के लिए प्रदेश में पांच दिन की गंगा यात्रा निकाली। एक यात्रा बिजनौर से शुरु हुई तो दूसरी यात्रा की शुरुआत बलिया से की गई। जिसका समापन आज कानपुर में किया गया। लेकिन इस बीच जो नजारा दिखा जो वाकई अकल्पनीय था।


पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बात करें तो कहना गलत नहीं होगा कि यहां गंगा यात्रा के दौरान लोगों ने जातियों और मजहबी बंधनों को तोड़ा है। बिजनौर से शुरु हुई गंगा यात्रा का हिंदु और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जगह-जगह स्वागत किया। हर तरफ नमामि गंगे-हर हर गंगे के साथ ही भारत माता की जय के नारे सुनाई देते रहे। मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में भी मुख्यमंत्री योगी के नारे ही गूंज रहे थे। यही नहीं मुस्लिमों ने इस गंगा यात्रा का समर्थन करते हुए यहां तक कहा कि यह यात्रा नहीं बल्कि एक उत्सव है, जिसमें उन्हें शामिल होने का मौका मिला है। 


गौर करने वाली बात थी कि मुस्लिमों के बीच योगी आदित्यनाथ का क्रेज सिर चढ़कर बोल रहा था। यानि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सीएम योगी का जलवा बरकरार है। सीएम योगी के फैसलों का मुस्लिम समुदाय कायल है। कारण था बदलती पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तस्वीर। मुस्लिम भाई बहनों से बातचीत के दौरान पता चला कि अब पश्चिम उत्तर प्रदेश में दंगे नहीं होते और अब रेप जैसी आपराध नहीं होते। लोग ये मानते हैं कि गंगा निर्मल और अविरल होनी चाहिए और इसके लिए जो संभव प्रयास उनसे होगा वो करेंगे। गंगा सिर्फ हिंदुओ की नहीं बल्कि सबकी पालनहार है।


गंगा यात्रा के दौरान साफ दिख गया कि विपक्षी पार्टियां भले ही बार बार खुद को मुस्लिमों का हितैषी बताती रही हो लेकिन यात्रा के दौरान दिखी तस्वीरों ने असलियत से रुबरू करा दिया। जाहिर है गंगा किनारे बसे गांवों में ज्यादातर मुस्लिमों की आजीविका का मुख्य साधन नौकायन, खेती आदि होता है। शायद ये खुशी इसी वजह से थी कि अब उनके जीवन में एक नया सवेरा आने वाला है। क्योंकि गंगा यात्रा का मुख्य उद्देश्य गंगा से जुड़े गांवों और लोगों के विकास करना है।