स्पोर्टस् कालेजों व स्टेडियमों में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं होगी
लखनऊ। प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उपेन्द्र तिवारी ने आज कहा कि प्रदेश के स्टेडियमों में खेल-कूद एवं पढ़ाई के समय का पुनःनिर्धारण किया जाय और खिलाड़ियों के खान-पान साफ-सफाई और अनुशासन का विशेष ध्यान रखा जाय। स्पोर्टस् कालेज बच्चों के सर्वांगीण विकास का सर्वाधिक महत्वपूर्ण माध्यम है क्योंकि इन जगहों पर बच्चों को खेल के साथ-साथ शिक्षा की भी सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। ऐसे में आवश्यक है कि स्पोर्टस् कालेज अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को गम्भीरता और संवेदनशीलता से निभाएं।

खेल मंत्री आज यहां केडी सिंह बाबू स्टेडियम में खेल विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश स्पोर्टस् कालेजों और स्टेडियमों में किसी प्रकार की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। यदि प्रदेश को खेलों में अपना एक अलग मुकाम बनाना है तो स्पोर्टस् कालेजों को और क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारियों को गांवों में छिपी खेल प्रतिभाओं को ढूंढना और उन्हें तराशना होगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी अपने जनपद के सफल एवं प्रसिद्ध खिलाड़ियों के सुझाव प्राप्त करें ताकि उनके अनुभवों के आधार पर खेलों में और सुधार लाया जा सके। उन्होंने फिट इण्डिया कार्यक्रम के संबंध में अधिकारियों से अपने-अपने सुझाव प्रस्तुत करने की भी अपील की।

श्री तिवारी ने प्रदेश के स्टेडियमों के निर्माण कार्य एवं अन्य खेल संबंधी कार्यों के निरीक्षण के लिए नामित नोडल अधिकारियों द्वारा उनको आवंटित जनपद में ससमय निरीक्षण न करने पर कड़ी फटकार लगायी। उन्होंने कहा कि यह ध्यान रखा जाय कि प्रत्येक स्टेडियम में बायोमैट्रिक सिस्टम की सुविधा हो और बिना आई कार्ड व ड्रेस कोड/ट्रैक सूट के कोई व्यक्ति प्रवेश न करे।

समीक्षा बैठक में खेल निदेशक आरपी सिंह ने मंत्री को निर्माणाधीन परियोजनाओं, स्टेडियमों में निर्मित अवस्थापनाओं की अद्यतन स्थिति, राजस्व प्राप्तियां, आवासीय क्रीड़ा छात्रावास, प्रशिक्षण, प्रतियोगिताओं के आयोजन, जिला खेलकूद प्रोत्साहन समिति की स्थिति, क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारियों द्वारा किये निरीक्षण का विवरण तथा खेलो इण्डिया-राष्ट्र खेल विकास कार्यक्रम की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया। बैठक में खेल विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं जनपदों से आये क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी उपस्थित थे।