संघी विधान को देश का संविधान नहीं बनने देंगे : कांग्रेस

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने नागरिकता संशोधन बिल 2019 को संविधान विरोधी करार दिया है। नागरिकता संशोधन बिल भारत के संविधान को हटाकर संघ के विधान को लाने की ओर बढ़ाया गया कदम है। भाजपा, आरएसएस के संविधान के एक-एक नुक्ते को लागू करना चाहती है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव व प्रभारी उप्र श्रीमती प्रियंका वाड्रा ने प्रदेश की जनता और कार्यकर्ताओं को संबोधित पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा है कि नागरिकता संशोधन बिल भारत के संविधान को हटाकर संघ (आरएसएस) के विधान को लाने की ओर बढ़ाया गया कदम है। भारत का संविधान कहता है कि सबको बराबरी की नजर से देखो। भाजपा का नागरिकता संशोधन बिल कहता है कि देश के नागरिकों को बराबरी की नजर से नहीं बांटकर देखो। बांटना देश के संविधान में नहीं है बल्कि आरएसएस की शाखाओं-किताबों में सिखाया जाता है। हमारा संविधान हमारे सभी धर्मों, सभी जातियों, सभी संस्कृतियों की रक्षा करता है। गरीबों, पिछड़ों, कमजोरों की रक्षा करता है।
भारत की जड़ों में गौरवशाली इतिहास, एकता और समानता है। भारत के संविधान को नष्ट करने से हर एक धर्म, जाति और संस्कृति की सुरक्षा पर आँच आएगी। अगर आज हमने ये होने दिया तो कल ये सरकार हर उस व्यक्ति, संस्था, संस्कृति, जाति और धर्म को निशाना बनाएगी जो संघ के विधान को नहीं मानेगा।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के नेतृत्व में सैंकड़ों की संख्या में कांग्रेसजनों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष नागरिकता संशोधन बिल 2019 की प्रतियों और संघी विधान को जलाकर रोष प्रकट किया और धरना भी दिया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल देश के संविधान के खिलाफ है। इस बिल में एक धर्म को निशाना बनाया गया है जो कि संविधान की मूल आत्मा के खिलाफ है। उन्होने कहा कि भाजपा देश में संघी विधान लागू करना चाहती है पर संघ परिवार का सपना कभी पूरा नहीं होगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर के संविधान को हटाकर भाजपा, संघ (आरएसएस) के विधान को लागू करने की कोशिश में है लेकिन उसके मंसूबों को कांग्रेस पार्टी कुचलने का काम करेगी। अजय कुमार लल्लू ने बताया कि नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ कल पूरे सूबे में विरोध होगा और संघी विधान की प्रतियां जलाई जाएंगीं।


विरोध प्रदर्शन में प्रमुख रूप से कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता श्रीमतीे आराधना मिश्रा 'मोना', पूर्व विधायक श्यामकिशोर शुक्ल, पूर्व मंत्री आरके चौधरी, वीरेन्द्र मदान, मनोज यादव, रमेश कुमार शुक्ल, ओंकारनाथ सिंह, मारूफ खान, चौ. सत्यवीर सिंह, सरबजीत सिंह मक्कड़, वीएन त्रिपाठी, रमेश मिश्रा, अरशी रजा, राजेश शुक्ला, विनोद मिश्र, गौरव चैधरी, अरशद आजमी, अमित श्रीवास्तव त्यागी, पंकज तिवारी, रंजन दीक्षित, दिलप्रीत सिंह, जीशान हैदर, मुकेश सिंह चौहान, डा. उमाशंकर पाण्डेय, डा. अनूप पटेल, संजय बाजपेयी, शैलेन्द्र तिवारी, नरेश बाल्मीकि, प्रदीप कनौजिया, वेद प्रकाश त्रिपाठी, राजेश सिंह काली, संजय सिंह, सरोज शुक्ला, अजय श्रीवास्तव अज्जू, श्रीमती सुशीला शर्मा, ब्रजेन्द्र कुमार सिंह, अमित गुरू, श्रीमती प्रियंका गुप्ता, अभिषेक राज, श्रीमती सुनीता रावत, श्रीमती माया चौबे, छोटेलाल चैरसिया, आलोक रैकवार, नरेन्द्र गौतम, देवेन्द्र प्रताप सिंह, विकास श्रीवास्तव, श्रीमती विभा त्रिपाठी, अयूब सिद्दीकी, राजेन्द्र पाण्डेय, डा. शहजाद आलम, नसीम खान, मुनीश चौधरी, दयानन्द तिवारी, हरनाम सिंह चौहान, दीपेन्द्र मिश्र, नीरज तिवारी, राकेश पाण्डेय, रनवीर सिंह कलसी, राजन यादव, जितेन्द्र पाठक, शोएब खान, मो. जावेद, नावेद नकवी, सिकन्दर अली, रवीन्द्र सिंह, तहजीब आलम, पुष्पेन्द्र श्रीवास्तव, सुशील तिवारी, नुसरत अली, प्रभाकर मिश्रा, आसिम मुन्ना, संतोष सिंह, आशुतोष मिश्रा, प्रशान्त सिंह, अभिषेक तिवारी सहित सैकड़ों की संख्या में कांग्रेसी मौजूद रहे।