रेगुलेटरी सरचार्ज 4.28 प्रतिशत लागू करने तैयारी


 बिजली दरों में विगत वर्षो में भारी बढ़ोतरी से नहीं भरा पावर कार्पोरेशन का जी तो नियामक आयोग फैसले के खिलाफ अपटेल नयी दिल्ली में किया मुकदमा, जो रेगुलेटरी सरचार्ज 4.28 प्रतिशत हो गया है समाप्त उसे पुनः उपभोक्तओ पर लागू कराने का गुपचुप षड्यंत्र
उपभोक्ता परिषद् का एलान होगा हर  स्तर पर विरोध जल्द ऊर्जा मंत्री जी से करुगा मुलाकात और सरकार से यह मुकदमा वापस लेने की करुगा मांग    

लखनऊ।प्रदेश के विद्युत उपभोक्तओ की बिजली दरों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी बीजेपी सरकार में हुई है इसके बावजूद भी पॉवरकॉर्पोरशन का जी नहीं भरा  साल के आखरी में आज जो बड़ा खुलाशा उपभोक्ता परिषद् करने जा रहा वह पावर कार्पोरेशन की उपभोक्ता विरोधी नीति का खुलाशा स्वता कर देगा । वर्ष  2019-20 में उपभोक्ता परिषद् की लम्बी लड़ाई के बाद उदय स्कीम का लाभ देते हुए रेगुलेटरी एसेट में  नियामक आयोग ने भारी कटौती की और उसका फायदा  यह हुवा की उपभोक्तो पर लगने वाला रेगुलेटरी सरचार्ज 4.28 प्रतिशत समाप्त हो गया और प्रदेश की विजली कम्पनियो पर उल्टा प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओ का ही ट्रूप और उदय स्कीम के मद में रुपया 13337 करोड़ निकला जिसका लाभ आगे उपभोक्तओ को मिलना है । आयोग ने उपभोक्ताओ की सुनवाई के बाद पावर कार्पोरेशन के एआरआर में भारी कटौती की जो पावर कार्पोरेशन को नागवार गुजरा  जब पावर कार्पोरेशन में पीएफ घोटाला पर हंगामा मचा था उस वक्त पुराना प्रवंधन जो अब जा चूका है वह उपभोक्तओ पर और भार डलवाने में लगा था गुपचुप तरीके से पावर कार्पोरेशन ने वर्ष 2019-20 में नियामक आयोग द्वारा दिए गये बिजली दर बढ़ोतरी के फैसले के खिलाफ अपटेल (अपीलेट ट्रिब्यूनल फॉर एलेक्ट्रीसिटी) नयी  दिल्ली  में ऑक्टूबर  2019 के अंत में  मुकदमा दाखिल किया है जिसमे आयोग द्वारा अनेको मदो में जो कटौती की गयी थी उसको चुनौती दी गयी है  अगर पावर पावर कार्पोरेशन मुकदमा जीतता है तो जंहा उपभोक्तओ पर और भार बढ़ेगा और रेगुलेटरी सरचार्ज 4.28 प्रतिशत बढ़कर पुनः उपभोक्तओ पर लग जायेगा ।
    उ0प्र0 राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने  कहा विगत सफ्ताह अपटेल ट्रिब्यूनल से जब नियामक आयोग को नोटिस आयी तब इसका खुलास हुवा पावर कार्पोरेशन ने जंहा अपने विभागीय कार्मिको के टैरिफ पर ज्यादा घेराबंदी की है क्यों की विगत आयोग आदेश में आयोग ने विभागीय कार्मिको के घर मीटर लगाने और उनसे घेरलू दर पर बिजली का भुकतान का आदेश दिया गया था जिससे उनके लोग बिलबिला उठे थे । पावर कार्पोरेशन ने जहा आयोग द्वारा कटौती की गयी जिन प्रमुख मदो को चुनौती दी है वह  धनराशि जैसे रेगुलेटरी असेट के मद में की गयी 47576 करोड़ की कटौती ट्रूप 2017 -18 मे घटाई गयी रुपया 3678 करोड़ की अतरिक्त सब्सिडी ओएंडऍम के मद में की गयी  रुपया 934 करोड़ की कटौती बिजली खरीद के मद में की गयी रुपया 735 करोड़ की कटौती व अन्य मदो में की गयी कटौती को चुनौती दी गयी है और कहा गया की आयोग ने गलत तरीके से इन मदो में करोड़ो रुपए की अस्वकृति दी गयी है ।यह पहला मौका नहीं है इसके पहले भी एक बार आयोग फैसले के खिलाफ पावर कार्पोरेशन अपटेल में मुकदमा  किया था और उसे हार का मुँह देखना पड़ा था।उपभोक्ता परिषद् ने एलान किया है की इसका हर स्तर पर विरोध होगा जरुरत पड़ी तो उपभोक्ता परिषद् खुद अपटेल के सामने अपनी बात रखेगा लेकिन पावर कार्पोरेशन को उसके मंसूबे में कामयाब नहीं होने दिया जायेगा बहुत जल्द इस पूरे मामले को लेकर उपभोक्ता परिषद् प्रदेश के ऊर्जा मंत्री जी से मुलाकात कर  पावर कार्पोरेशन द्वारा उपभोक्तओ पर और भार डलवाने हेतु दाखिल इस याचिका को वापस लेने की मांग सरकार से करेगा ।