पाश्चात्य संस्कृति की शिक्षा से संस्कार गायब हों रहे संस्कार : महापौर




पाश्चात्य संस्कृति की शिक्षा से संस्कार गायब हों रहे संस्कार : महापौर

एस0के0डी0 एकेडमी का वार्षिकोत्सव समारोह का  आई0एस0सी0 शाखा के कक्षा 3 से कक्षा 9 एवं 11 के बच्चों द्वारा विक्रान्त खण्ड शाखा, गोमती नगर में हुआ जिसमें बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
 समारोह का शुभारम्भ मुख्य अतिथि राजेन्द्र प्रताप सिंह (मोती सिंह), सयुक्ता भाटिया, मेयर, लखनऊ द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ।

 तत्पश्चात् चेयरमैन एस.के.डी. सिंह व निदेशक मनीष सिंह द्वारा मुख्य अतिथि को स्मृति चिह्न, शाल व पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया।

उप प्रबन्धक एवं वृन्दावन शाखा प्रधानाचार्या निषा सिंह एंव आई0एस0सी0 शाखा की प्रधानाचार्या श्रीमती कुसुम बत्रा ने अपने धन्यवाद भाषण द्वारा उपस्थित मुख्य अतिथि, अभिभावकों, प्रेस व मीडिया तथा शहर के गणमान्य नागरिकों का अभिवादन किया।

बच्चों ने सरस्वती वन्दना एवं स्वागत नृत्य के साथ कार्यक्रमों की शुरूआत की बच्चों द्वारा मोहक प्रस्तुतियाँ दीं गयी। इसके अलावा कार्यक्रमों के बीच ही बच्चों ने कई संदेश भी दिये जैसे पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ, एवं प्रार्थना की कि इन्हें न काटो मुझे दुखता है। बच्चो के कृष्ण लीला पर ''चलो ब्रज की ओर'' की मनमोहक प्रस्तुति दी। जिसको दर्षकों ने बहुत सराहा। अनेक मनमोहक कार्यक्रमों के पष्चात् ग्राण्ड फनाले में बच्चों ने वहाँ उपस्थित सभी अभिभावकों एवं अतिथिगणों का मन मोह लिया। सभी ने तालियों के साथ बच्चों का उत्साह बढाया।


विद्यालय के निदेशक मनीष सिंह ने आये अतिथि व अभिभावकों के सहयोग की सराहना करते हुए बच्चों के खूबसूरत प्रस्तुतीकरण की प्रशंसा करते हुए कहा कि, ''हमारा हमेशा यह प्रयास रहा है कि विद्यालय में विद्यार्थी का समुचित विकास हो इसीलिए शिक्षा के साथ उनके लिए समय-समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, बच्चो की गाइडेन्स हेतु होने वाली वर्कशाप आदि आयोजित किये जाते हैं और उनके अनुशासित जीवन की झलक हमारे कार्यक्रमों में नजर आती है इसके लिए हम अपने अभिभावकों के सहयोग व स्नेह के हमेशा आभारी रहेंगे। साथ ही जो भी संदेशात्मक प्रस्तुतियां हमारे बच्चों ने पेश की उसमें जो भी संदेश है उसको हमारा पूर्ण विद्यालय अमल करता है चाहे वो पेड़ लगाने का पर्यावरण बचाने का या जल संरक्षण का हो। विद्यालय के संस्थापक प्रबंधक श्एस0के0डी0 सिंह ने सभी कार्यक्रमों की प्रशंसा करते हुए बच्चों को अपना आशीर्वाद दिया व कहा कि ''बच्चों ने जो कार्यक्रम प्रस्तुत किये वो न केवल हमारा मनोरंजन करते हैं बल्कि हमारी संस्कृति, सभ्यता व अखण्डता से परिचित कराते हैं। लगभग सभी कार्यक्रम हम बड़ों को कोई न कोई संदेश देते हैं। हमें बच्चों के इन प्रयासों व उनकी भावनाओं को सदा उनके भीतर जिन्दा रखना है ताकि यही भावनाएं उन्हें एक सभ्य व अनुशासित भारतीय बनने में व भारत के विकास में सहयोग दें।

इस मौके पर महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि प्राचीन काल में तो राजा के बच्चे भी जंगलों में जाकर गुरुकुल में शिक्षा लेते थे। हमारे यहाँ तो प्राचीन काल से ही गुरुकुल की परंपरा रही है जिसमे शिक्षा के साथ साथ संस्कार भी दिया जाता था लेकिन वर्तमान में हमारी शिक्षा में पाश्चात्य संस्कृति के आने से शिक्षा तो मिल रही है लेकिन संस्कार गायब हो रहे है। हमारा देश तो संस्कार और संस्कृति वाला देश है जहाँ पर माता पिता और गुरुओं का बहुत आदर और सम्मान होता है लेकिन दुर्भायवश आज ऐसा नही हो रहा है।
आज भारत मे भी ओल्ड ऐज होम खुल रहे है जिसमे लोग अपने बूढे हो चुके अपने माँ बाप को भेज देते है यह हमारी परंपरा में कभी नहीं रहा है। उन्होंने आगे कहा कि आपके माता पिता एवं गुरुओं ने आपको बनाने में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया है। आपके शिक्षकों को भी उतनी ही खुशी होती है जब आप अपनी जिंदगी में आगे बढ़ते है ,आपके शिक्षक भी आपके साथ उतनी ही मेहनत करते है तो हमारा भी यह कर्तव्य है कि आप अपने माँ बाप और गुरुओं का भी उतना ही आदर और सम्मान करें। आपका चरित्र ही इस देश और समाज को आगे बढ़ाएगा और जिस भारत का सपना  हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी ने देखा क है वह आपके माध्यम से ही पूरा होगा।
महापौर ने स्वछता और जल संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि धरती माँ हमें हमेशा देती है कभी कुछ लेती नही, लखनऊ की महापौर होने के नाते ये मेरा कर्तव्य है कि इस विषय पर आपको हमेशा जागरूक और प्रोत्साहित करूँ।

इस अवसर महापौर संयुक्ता भाटिया संग मंत्री मोती सिंह, एसकेडी के प्रबंधक मनीष सिंह सहित अन्य गड़मान्य लोग उपस्थित रहे।