नागरिकता संशोधन बिल अनुच्छेद-14 का खुला उल्लंघन है : मो. शमीम

लखनऊ। “नागरिक एकता पार्टी” के राष्ट्रीय अध्यक्ष मो. शमीम ने राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC)/नागरिकता संशोधन बिल (CAB) के विरोध में कहा कि धर्म के आधार पर नागरिकता विधेयक असवैंधानिक है तथा संविधान के अनुच्छेद-14 का खुला उल्लंघन है। जो समानता के अधिकारों की बात करता है, हमारे संविधान में जो छह मौलिक अधिकार दिए है समानता, स्वतंत्रा, धार्मिक स्वतन्त्रता, संस्कृतिक व शैक्षिक अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार और सवैंधानिक उपचारों का अधिकार। वर्तमान सरकार इन मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है। नागरिकता का निर्धारण धर्मं और जाति के आधार पर नहीं किया जा सकता, संविधान में धर्म के आधार पर नागरिकता की कोई बात ही नहीं की गई है, इस विधेयक के माध्यम से भाजपा की नीति, बांटो और राज करो की है। इसलिए यह विधेयक अस्वीकार्य और असवैंधानिक है। लोग किसे मानते है, या क्या खाते हैं, उनकी जाति, आवास, लिंग या रंग के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता। भाजपा की सविंधान जनता की मूलभूत समस्याओं से ध्यान हटाने और समाज को बाँटने की है, वर्तमान समय में खुल्लम-खुल्ला देश के लोगों का और संविधान का अपमान किया जा रहा है। भारत के संविधान का एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि राज्य किसी नागरिक के विरुद्ध धर्म, मूलवंश जाति, लिंग, जन्म स्थान या इनमें से किसी भी आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा। समता के बिना संविधान की कल्पना अधूरी है  इन तथ्यों पर यदि ध्यान दिया जाय तो स्पष्ट है कि वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा संविधान का मजाक उड़ाया जा रहा है, इसलिए यह विधेयक पूर्ण रूप से विभाजनकारी व जनविरोधी है यदि धर्म के आधार पर नागरिकता व नागरिकों में धर्म के आधार पर भेदभाव होगा तो निश्चित ही यह संविधान की मंशा व उसके बुनियादी ढांचे के विरुद्ध है। हैरानी की बात यह है कि जिस देश का गृह मंत्री मुसलमानों को छोड़कर सीधे तौर पर सबका नाम संसद में ले रहा है जहाँ पर भारत के नागरिकों की सुरक्षा व विकास के लिए कानून बनाया जाता है, इससे उनके साम्प्रदायिक मानसिकता का पता चलता है। यह विधेयक बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर, जवाहर लाल नेहरु, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु सुखदेव मौलाना आजाद, लाल बहादुर शास्त्री, सरदार पटेल की सोच के खिलाफ है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश कुमार भारती ने कहा कि संविधान जहाँ सम्पूर्ण देश को एकता के सूत्र में पिरोने की बात करता है वहीं सरकार में बैठे लोग विभाजन की ओर ले जा रहें है, वर्तमान सरकार की विफल नीतियों जैसे नोट बंदी, जीएसटी की तरह नागरिकता विधेयक को भी लोगों पर जबरदस्ती थोपा जा रहा है। इस बिल को पास कराने में अपने आप को सेक्युलर कहलाने वाली कांग्रेस पार्टी भी जिम्मेदार है क्योंकि उसके घटक दल शिवसेना ने भी पक्ष में मतदान किया है। वर्तमान विधेयक हमारे देश के स्वतंत्रा संग्राम सेनानियों का अपमान करता है। इस देश को बनाने व आजाद कराने में जिस तरह हमारे आबा व अजदाद तथा उलेमा-ऐ-दीन ने संघर्ष करते हुए अपना खून बहाया, बलिदान हुए, फांसी के फंदों को चूमा। उसी तरह संविधान की रक्षा के लिए तथा एनआरसी/सीएवी को वापस लेने के लिए लोकतान्त्रिक व सवैंधानिक तरीके से नागरिक एकता पार्टी अपनी लड़ाई जारी रखेगी।


इस अवसर पर के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रईश कुरैशी, प्रमुख महासचिव रिजवान अहमद, प्रदेश महासचिव यशपाल कनौजिया व हरिनंदन सिंह गौतम, सचिव नईम अंसारी, लखनऊ जिलाध्यक्ष संतोष पाल के अलावा बहुजन मुस्लिम महासभा के अध्यक्ष वली मोहम्मद, उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता शेख ताहिर सिद्धीकी तथा नदवा ओल्ड बॉयज एसोसियसन के अध्यक्ष मौलाना अकरम नदवी के साथ-साथ कई धर्म गुरु भी उपस्थित रहे।