लखनऊ। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव मण्डल ने आसाम, जामिया और एएमयू और अन्य कई जगह नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ नागरिक और छात्र आंदोलनकारियों पर पुलिस अत्याचारों की कड़े से कड़े शब्दों में निन्दा कर इस दमन के लिये सीधे तौर पर भाजपा और उसकी सरकारों को जिम्मेदार ठहराया है। भाकपा ने आसाम के चार म्रतक आंदोलनकारियों के प्रति श्रध्दांजलि देते हुये घायल छात्रों के प्रति सहानुभूति प्रकट की है। भाकपा ने घायल छात्रों और नागरिकों की चिकित्सा सरकारी खर्च से दिये जाने की मांग की है।
भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहाकि संविधान और लोकतन्त्र विरोधी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश के हर राज्य में और दो दर्जन से अधिक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों, तकनीकी संस्थानों जिनमें बीएचयू भी शामिल है में छात्र आंदोलन कर रहे हैं और मोदी शाह योगी की पुलिस उन पर जो जुल्म ढारही है उससे अंग्रेजी हुकूमत के अत्याचार पीछे रह गये हैं। लड़कियों तक को पुरुष पुलिस धुन रही है। इसके विरोध में दिल्ली से लेकर देश के चप्पे चप्पे पर जन समुदाय सड़कों पर उतर रहा है। पिछले साढ़े पाँच सालों में अंजाम दिये गये विभाजनकारी कारनामों और महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे जनविरोधी कामों से जनता के मनों में संग्रहीत आक्रोश आज एक बड़े आंदोलन का रूप ले रहा है।
सामाजिक विभाजन और संकीर्ण राजनेतिक उद्देश्यों से पास कराये गये इस कानून के बाद भड़के आंदोलन में आज़ादी के आंदोलन सरीखी एकता कायम हुयी है। मोदी- शाह और भाजपा की सरकारें इससे बौखलाई हुयी हैं और दमन के बल पर आंदोलन को कुचलना चाहती हैं।
डा. गिरीश ने कहाकि छात्रों एवं नागरिकों पर चलाये जारहे इस दमन चक्र को वामपंथी दलों ने गंभीरता से लिया है। वामपंथी दलों ने नागरिकता संशोधन कानून, सरकार द्वारा प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर एवं छात्रों और नागरिकों पर अत्याचार के खिलाफ 19 दिसंबर को सारे देश और उत्तर प्रदेश में विरोध प्रदर्शन करने का निश्चय किया है। भाकपा ने सभी वामपंथी पार्टियों, समूहों व सभी लोकतान्त्रिक शक्तियों और शख्सियतों से आंदोलन में शामिल होने की अपील की है।