लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष अध्यक्ष डा. मसूद अहमद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की राज्य सरकार लगातार झूठ बोलकर किसानों की आमदनी दोगुनी करने का झूठा वादा करने वाली सरकार साबित हुयी है। धान खरीद में असफल साबित हुयी प्रदेष सरकार कुल उत्पादन का अब तक लगभग 9 प्रतिषत धान भी नहीं खरीद पायी जिस कारण अनाज माफियाओं और बिचैलियों की पौ बारह है। वहीं गन्ना किसानों के लिये लागत के अनुरूप न्यूनतम सर्मथन मूल्य पेराई सत्र प्रारम्भ होने के बाद भी घोषित नहीं किया गया जिससे गन्ना किसानों को चीनी मिलों द्वारा गन्ना भुगतान पर्ची पर शून्य रूपया अंकित किया जा रहा है जिससे किसानों में आक्रोष व्याप्त है।
डा. अहमद ने कहा कि पिछले पेराई सत्र का कई हजार करोड़ रूपया मिलों पर बकाया है। मुख्यमंत्री अनेक घोषणाएं कर चुके हैं कि केन एक्ट के अनुसार 14 दिनों के अन्दर भुगतान न करने पर मिलों के विरूद्व कार्यवाही की जायेगी पर ऐसा कुछ नहीं हुआ मुख्यमंत्री की घोषणाएं हवा हवाई साबित हुयी क्योंकि हकीकत तो यह है कि किसानों के उत्पीडन में सरकार और मिल मालिकों की आपसी साठगांठ है।
उन्होंने राज्य सरकार चेतावनी देते हुये कहा कि किसानों का बकाया तत्काल भुगतान करते हुये गन्ना किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य 450 ₹ देने की मांग करते हुये कहा कि धान क्रय केन्द्रों पर हो रही घटतौली, दलाली और बिचैलियों के साम्राज्य को खत्म करते हुये उनके विरूद्व कठोर कार्यवाही की जाए नहीं तो राष्ट्रीय लोकदल किसानों के हक के लिए आन्दोलन के लिए बाध्य होगा।
योगी सरकार अभी नौ प्रतिशत भी धान नहीं खरीद पायी है : डा. मसूद