वनटांगिया एवं मुसहर परिवारों को उपलब्ध कराए गए जॉब कार्डों के सापेक्ष सुजित मानव दिवसों को बढ़ाया जाए
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह मोती सिंह की अध्यक्षता में आज यहां योजना भवन में ग्राम्य विकास विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की राज्यस्तरीय प्रगति हेतु समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में ग्राम्य विकास मंत्री ने प्रदेश के सभी जनपदों से आए हुए मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत गत वर्ष के अधूरे आवासों को अगले 15 दिनों में अभियान चलाकर पूर्ण किया जाय तथा वर्ष 2019दृ20 के अवशेष 35255 लाभार्थियों को प्रथम किस्त निर्गत करते हुए आगामी दिसंबर माह में आवास का निर्माण पूर्ण कराया जाए। योजना के तहत निर्मित आवासों के लाभार्थियों की शत-प्रतिशत आधार सीडिंग कराई जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत निर्मित  शत-प्रतिशत आवासों में शौचालयों का निर्माण किया जाना है। इन आवासों में अवशेष लगभग डेढ़ लाख शौचालयों का निर्माण जल्द से जल्द पूरा कराया जाए। प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को मनरेगा के तहत अनिवार्य रूप से 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया जाए।

   मोती सिंह ने कहा कि कॉमन रिव्यू कमेटी (ब्त्ड) की फील्ड विजिट में ऐसा संज्ञान में आया है कि कुछ जगहों पर आवासों में शौचालय, फर्श एवं प्लास्टर, आवासों में खिड़की, दरवाजों में पल्ले तथा नाम पट्टिका अंकित नहीं है। उन्होंने जनपदीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि इसका निराकरण करा कर अगले 15 दिवस में मुख्यालय को रिपोर्ट प्रेषित करें। उन्होंने निर्देश दिया कि मुख्यमंत्री आवास योजनादृग्रामीण के अंतर्गत वर्ष 2018-19 के अधूरे 631 आवास अगले 15 दिनों में पूर्ण कराया जाए तथा वर्ष 2019-20 के अवशेष लगभग 7000 लाभार्थियों को एक सप्ताह के अंदर प्रथम किस्त अवमुक्त कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि प्रधानमंत्री आवास योजनादृग्रामीण एवं मुख्यमंत्री आवास योजनादृग्रामीण के भूमिहीन पात्र लाभार्थियों को अनिवार्य रूप से पट्टा उपलब्ध कराया जाए।

   ग्राम में विकास मंत्री ने समीक्षा बैठक में मनरेगा योजना के अंतर्गत चयनित तालाबों पर किए जा रहे कार्यों की स्थिति की समीक्षा की और निर्देश दिया कि योजना के अंतर्गत निर्माणाधीन तालाबों को जल्द से जल्द पूरा कराया जाए। उन्होने कहा कि मनरेगा गांव के तहत प्रत्येक ब्लाक में कम से कम दो मनरेगा गांव का शीघ्रता से चयन कर उन्हें विकसित किया जाए, जिससे गांव का समावेशी विकास किया जा सके। यह योजना गांव की दिशा एवं दशा बदलने में मददगार साबित होगी।छंू

  राज्य मंत्री ग्राम्य विकास, श्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने समीक्षा बैठक में कहा कि गरीब महिलाओं के उत्थान में महिला स्वयं सहायता समूहों के साथ विभाग का अहम योगदान है। उन्होंने कहा कि महिला समूहों द्वारा बनाये जा रहे उत्पादों की अधिक से अधिक मार्केटिंग एवं ब्रांडिग की जाए। इससे उन्हें उचित कीमत मिलने के साथ-साथ उनका आर्थिक सशक्तिकरण हो सकेगा और महिलाएं स्वावलंबी हो सकेगी। उन्होंने कहा कि समूह की महिलाओं को वैन चालक के रूप में ट्रेंड किए जाने पर भी विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा के अनुरूप सरकार द्वारा चलाई जा रही लाभार्थी परक योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम पायदान तक पहुंचाया जाना सुनिश्चित करें।

बैठक में प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास अनुराग श्रीवास्तव, महानिदेशक एसआईआरडी एल. वेंकटेश्वर लू, आयुक्त ग्राम्य विकास के. रविन्द्र नायक एवं अन्य विभागीय अधिकारियों सहित समस्त जिलों के मुख्य विकास अधिकारी उपस्थित थे।