लखनऊ, 16 नवम्बर। प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन सुरेश चन्द्रा ने प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के तहत असंगठित कर्मकारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए इनके पंजीकरण में तेजी लाने तथा योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी संबन्धित विभागों के विशेष सचिव स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी ऐसे विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव द्वारा अपने-अपने विभागों में नियुक्त 15000 ₹ मासिक आमदनी वाले तथा 18 से 40 वर्ष के कर्मकारों को योजना अन्तर्गत पंजीकृत करने के लिए 19 नवम्बर तक मण्डल एवं जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिये जाये और इसकी सूचना श्रम विभाग को भी उपलब्ध कराई जाये।
प्रमुख सचिव श्रम श्री चंद्रा प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण के लिए गठित 'राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति' की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए इस योजना में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का पंजीकरण के लिए 25,49,400 का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसके सापेक्ष अभी तक 5,36,000 श्रमिक का पंजीयन किया गया, जोकि लक्ष्य के सापेक्ष बहुत कम है। उन्होंने योजना में तेजी लाने के लिए विभागीय अधिकारियों को कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दिये। उन्हांने निर्देशित किया कि योजना के प्रचार-प्रसार के लिए सम्बन्धित विभाग द्वारा भी पैफ्लेट बनाकर प्रचार किया जाये।
प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना अंशदायी योजना है। इसमं 18-40 वर्ष के कर्मकारों एवं श्रमिकों को लाभान्वित किया जाना है। आयु के आधार पर 55-200 ₹ तक प्रतिमाह योजना में अंशदान करना है और 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद ऐसे श्रामिकों को भारत सरकार द्वारा 3000 ₹ मासिक पंशन प्रदान की जायेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे कर्मकार एवं श्रमिक जो 15000 ₹ मासिक कमाते हो और राष्ट्रीय पेंशन स्कीम, कर्मचारी बीमा निगम स्कीम, कर्मचारी भविष्य निधि स्कीम के लाभार्थी या आयकर दाता नहीं है, उन्हें इसका लाभ मिलेगा।