सरकार डीएचएफएल में फसी रकम पर ले गारंटी नहीं तो 12 के बाद  होगा आंदोलन

- सरकार डीएचएफएल में फसी रकम पर ले गारंटी नहीं तो 12 के बाद  होगा आंदोलन


- ट्रस्ट के अध्यक्षों की भूमिका अहम् फिर भी उन पर मेहरबानी से उठ रहे बड़े सवाल


- सरकार उठाए कठोर कदम जिससे जाए एक कड़ा सन्देश


लखनऊ, 10नवम्बर। उत्तर प्रदेश पावर सेक्टर एम्प्लॉय ट्रस्ट का लगभग 2267 करोड़ निजी कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस कंपनी डीएचएफएल में अभी भी फंसे रहने के मामले में उप्र पावर आफीसर्स एसोशिएसन की प्रान्तीय कार्य समिति की बैठक में आज विचार विमर्श किया गया, जिसमे कंपनी द्वारा बार बार यह कहना की पूरा पैसा हम वापस करेगे।


वही दूसरी ओर सरकार और पावर कार्पोरेशन पूरे मामले पर चुप है जिससे कार्मिको में मन में संदेह उत्पन होना स्वाभाविक है कार्मिको का पैसा जिस प्रकार से नियमो के विपरीत निवेश किया गया, उसमे पावर कार्पोरेशन प्रवंधन अपने को अलग नहीं कर सकता चुकी 51 प्रतिशत शेयर बिजली कम्पनियो का सरकार के पास है। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार को फसी करोड़ो ₹ के निवेश की गारंटी लेने हेतु एक नोटिफिकेशन जारी करना चाहिय ट्रस्ट में ट्रस्ट के चेयरमैन की भूमिका सबसे अहम् होती है। ऐसे में अभी तक उनसे कोई पूछताछ न किया जाना सवाल पैदा करता है। जो भी दोषी है उन पर पारदर्शी तरीके से कठोर कदम उठाया जाना चाहिय।
उप्र पावर आफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष केबी राम, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, उपाध्यक्ष एसपी सिंह, अति महासचिव अनिल कुमार, सचिव आरपी केन, संगठन सचिव योगेश कुमार, अजय कुमार ने प्रान्तीय कार्य समिति की बैठक के बाद कहा कि एसोसिएशन ने सरकार को फसी रकम पर गारंटी लेने हेतु 7 दिन का समय दिया गया था, लेकिन अभी तक सरकार ने इस मुद्दे पर कोई भी सकारात्मक पहल नहीं की जिससे कार्मिको में लगातार रोष बढ़ रहा है जिससे ऊर्जा निगमों की आर्थिक हालत लगातार बिगड़ रही है। सरकार अबिलम्ब पूरे मांमले पे उचित निर्णय नहीं लेती तो एसोसिएशन को भी आंदोलन के रास्ते पर जाना पड़ेगा। एसोसिएशन ने 12 नवंबर को प्रदेश के पदाधिकारियो की मीटिंग बुलाई है। सरकार कोई उचित फैसला नहीं करती तो आगे आंदोलन पर विचार किया जायेगा।