सपा सरकार में 50 प्रतिशत के नीचे थी उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय

- योगी सरकार के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय में हुई सर्वाधिक वृद्धि


लखनऊ, नवम्बर। हर संभव तरीके से प्रदेश के लोगों की आय बढ़ाने का योगी आदित्यनाथ की सरकार का सपना साकार होने लगा है।आंकड़े इसके सबूत है। मौजूदा दशक में योगी सरकार के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय में सर्वाधिक वृद्धि हुई है। हालांकि यह राष्ट्रीय औसत से अब भी कम है, पर वृद्धि की उम्मीद जगती है। राज्य नियोजन विभाग के अर्थ एवं संख्या प्रभाग के अनुसार वर्ष 2011-12 के सापेक्ष वर्ष 2018-19 में राष्ट्र से प्रति व्यक्ति आय के अंतर में गिरावट आई है। जिससे यह पता चलता है कि प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय बढ़ रही है।


वर्ष 2011-12 में भारत की प्रति व्यक्ति आय 63462 रुपये थी। वहीं उत्तर प्रदेश प्रदेश की 32002 रुपये थी। इस हिसाब से देखा जाए तो राष्ट्रीय औसत से उत्तर प्रदेश का प्रतिशत 50.4 प्रतिशत था। वहीं 2018-19 को देखें, तो भारत की प्रति व्यक्ति आय 126406 रुपये है। वहीं उत्तर प्रदेश का 64330 रुपये है। इस तरह से राष्ट्रीय औसत से उत्तर प्रदेश का प्रतिशत 50.9 प्रतिशत है। यानी 10 सालों में लगभग 1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।


प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय में सबसे ज्यादा गिरावट समाजवादी पार्टी की अखिलेश सरकार में आई थी। जब वर्ष 2014-15 में भारत की प्रति व्यक्ति 86647 रुपये और उत्तर प्रदेश की 42267 रुपये थी। इस हिसाब राष्ट्रीय औसत से उत्तर प्रदेश का प्रतिशत 48.8 प्रतिशत था। कमोबेश यही हाल 2015-16 का भी रहा जब भारत की प्रति व्यक्ति आय 104659 रुपये थी। वहीं उत्तर प्रदेश 47062 थी। इस वर्ष राष्ट्रीय औसत से उत्तर प्रदेश का प्रतिशत 49.6 प्रतिशत रहा। अखिलेश सरकार के इन दो वर्षों में उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 50 प्रतिशत से भी कम रही।


वर्ष 2016-17 में इसमें बढ़ोतरी हुई। इस साल भारत की प्रति व्यक्ति आय 104659 रुपये और उत्तर प्रदेश की 52753 रुपये थी। राष्ट्रीय औसत से उत्तर प्रदेश का प्रतिशत 50.4 था। वहीं वर्ष 2017-18 में इसमें वृद्धि हुई। इस वर्ष भारत की प्रति व्यक्ति आय 114958 रुपये और उत्तर प्रदेश की 58009 रुपये रही। राष्ट्रीय औसत से उत्तर प्रदेश का प्रतिशत इस साल 50.5 रहा।


गौरतलब है कि वर्ष 2011-12 से प्रचिलित भावों राष्ट्र के जीडीपी में प्रदेश के जीएसडीपी का अंश 8.3 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2018-19 में 8.5 प्रतिशत हो गया है।