सहकारिता से ही प्रदेश का उत्थान एवं विकास संभव है : मुकुट बिहारी वर्मा
लखनऊ, 14 नवम्बर। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि कृषि क्षेत्र के विकास में सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका है। सहकारिता जीवन में जनतांत्रिक, मूल्यों, मान्यताओं एवं परम्पराओं को विकसित करने का सर्वोत्तम साधन है। देश तथा प्रदेश के आर्थिक उत्थान, सामाजिक न्याय एवं जन-जन के सर्वांगीण विकास में सहकारिता आन्दोलन प्रमुख आधार है।

यह विचार उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने आज यहां सहकारिता भवन में उप्र राज्य निर्माण सहकारी संघ लि. द्वारा आयोजित 66वें अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित करने के उपरान्त व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि सहकारिता आज हमारे रोजगार सृजन का प्रमुख केन्द्र है। सहकारिता विभाग के द्वारा गेहूँ क्रय एवं धान क्रय का कार्य अच्छे ढंग से किया जा रहा है। गन्ना के क्षेत्र में गन्ना समितियां, सहकारी समितियां अच्छा काम कर रहीं हैं। उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्री के नेतृत्व में सहकारिता विभाग प्रगति की ओर बढ़ रहा है, इसके लिए सहकारिता मंत्री को बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि उप्र में प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने में सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित हो। कार्यदायी संस्था सहकारी क्षेत्र, निर्माण क्षेत्रों में सही ढंग से कार्य कर रही है। सहकारी समितियां गांव स्तर पर बेहतर ढंग से कार्य करते हुए सहकारिता का नाम रोशन करें।

सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने कहा कि सहकारिता के माध्यम से किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाने का काम किया जा रहा है। सहकारिता आन्दोलन आर्थिक दृष्टि से कमजोर विशेषकर निर्बल व्यक्तियों का आन्दोलन है, जो स्वेच्छा से आर्थिक हितों की पूर्ति हेतु बनाया जाता है। सहकारिता स्वयं का अपना जीवन दर्शन है, जो व्यक्ति को स्वार्थपरता से सार्वजनिक सेवा की ओर ले जाता है। उन्होंने  कहा कि आम जनमानस में सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों को पहुंचाकर लाभान्वित करने का किया जा रहा है। सहकारिता द्वारा ही प्रदेश का उत्थान एवं विकास संभव है।

श्री वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लगभग 7479 सहकारी समितियां हैं। एक करोड़ से अधिक लोग इन समितियों के सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि पतंजलि से करार करके पतंजलि के सारे उत्पाद प्रथम चरण में पश्चिमी जनपदों की चयनित समितियों के माध्यम से बिक्री करना प्रारम्भ कराया, जिससे निश्चित ही समितियों की वित्तीय स्थिति में सुधार आ रहा है। श्री वर्मा ने कहा कि उप्र की शीर्ष सहकारी संस्था यू.पी.सी.बी. को आनलाइन कर दिया गया है तथा अधिकतर जिला सहकारी बैंक भी कम्प्यूटरीकृत हो गयी है। इन संस्थाओं का समस्त कार्य आनलाइन सिस्टम के तहत किया जा रहा है।

प्रमुख सचिव सहकारिता एमवीएस रामी रेडडी ने कहा कि कृषि क्षेत्र में सहकारिता विभाग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उप्र को-आपरेटिव बैंक के नियन्त्रण में 50 जिला सहकारी बैंक एवं 7490 सहाकारी समितियाॅं ग्रामीण अंचल में हैं। उन्होने कहा कि सहकारी समितियों के माध्यम से सीधे किसानों को कृषि ऋण एवं उर्वरक सहित अन्य सुविधायें उपलब्ध करायी जा रही हैं।

उप्र राज्य निर्माण सहकारी संघ लि. के प्रबन्ध निदेशक धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि संस्था द्वारा 35 निर्माण प्रखण्डों के माध्यम से 32 विभागों के निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं। इस समय संस्था द्वारा 1780 परियोजनाओं का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शासन की मंशा के अनुरूप 52 प्रयोगशालाओं के माध्यम से उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित की जा रही है तथा आधुनिक तकनीकों की जानकारी उपलब्ध कराने हेतु अभियन्ताओं के प्रशिक्षण सत्र आयोजित किये जाते हैंं। संस्था निरन्तर व्यवसायिक प्रगति के पथ पर अग्रसर है। इस अवसर पर सहकारिता विभाग की पत्रिका का विमोचन किया गया।

इस अवसर पर विशेष सचिव सहकारिता मो. जुनीद, आयुक्त एवं निबन्धक एसवीएस रगांराव, अपर निबंधक सहकारिता हीरालाल यादव, प्रबंध निदेशक पी.सी.यू. मनोज कुमार द्विवेदी, प्रबंध निदेशक श्रीकान्त गोस्वामी, राजीव यादव, उप्र राज्य निर्माण सहकारी संघ लि. के सभापति सूर्य प्रकाश पाल, उप सभापति आलोक सिंह सहित सहकारिता विभाग के अन्य अधिकारी एवं सहकारी बन्धु आदि उपस्थित थे।