लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के आबकारी विभाग ने औद्योगिक एवं राजस्व अर्जन हेतु शंकरगढ़, प्रयागराज में 58 कि.ली. प्रतिदिन क्षमता की ग्रेन एवं शीरा पर आधारित मिश्रित (पेय एवं औद्योगिक) आसवनी स्थापित करने के लिए लाइसेंस निर्गत किये जाने की अनुमति प्रदान की है।
प्रमुख सचिव आबकारी संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि आसवनी द्वारा ऐसे अनाज से अल्कोहल एवं पेय मदिरा का निर्माण किया जायेगा, जो मानव उपभोग हेतु अनुपयुक्त हो। इससे जहाँ एक तरफ सडे़-गले अनाज का उपभोग हो सकेगा, वहीं दूसरी तरफ उपभोक्ताओं को गुणवत्तापरक मदिरा उपलब्ध हो सकेगी। उन्होंने बताया कि अनाज से अल्कोहल एवं पेय मदिरा के निर्माण में शीरे की तुलना में प्रदूषण कम होता है, जिससे प्रदूषण को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
प्रमुख सचिव ने बताया कि इस सम्बन्ध में शासनादेश जारी करते हुए आबकारी आयुक्त उ.प्र. को अग्रेतर कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये है। यह अनुमति इस प्रतिबन्ध के साथ प्रदान की गई है कि आसवक द्वारा प्रस्तावित क्षमता हेतु भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और उ.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से आवश्यक पर्यावरण, अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करना होगा। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही आसवक द्वारा आसवनी के स्थापना के उपरान्त अनाज आधारित 30 प्रतिशत पेय मदिरा का उत्पादन करने से पूर्व भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण से अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करना आवश्यक होगा।