प्रधानमंत्री मोदी ने बाबा साहब के स्मारक शिलान्यास पर 26 नवम्बर को संविधान दिवस मनाने की घोषणा की थी : योगी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 70वेें संविधान दिवस के अवसर पर सदन में बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2015 में भारतीय संविधान के शिल्पी बाबा साहब डाॅ. भीमराव आंबेडकर के स्मारक के शिलान्यास के अवसर पर 26 नवम्बर को संविधान दिवस मनाने की घोषणा की थी, क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान अंगीकृत हुआ था। उन्होंने कहा कि इसी क्रम में आज यहां यह विशेष सत्र आहूत किया गया। इस अवसर पर उन्होंने महामहिम राज्यपाल द्वारा सदन को सम्बोधित करने पर आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज के इस सत्र में सदन ने अपने परम्परागत कार्यों के हटकर संविधान की उद्देशिका और नागरिकों के मूल कर्तव्यों पर चर्चा की। उन्होंने विगत 02 और 03 अक्टूबर 2019 को गांधी जी की 150वीं जयन्ती के अवसर पर 36 घण्टे तक सस्टेनेबल डेवलपमेण्ट गोल्स पर हुई चर्चा का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी, उत्तम शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य, अच्छा पर्यावरण, विकास के समग्र स्वरूप इत्यादि पर सार्थक चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि यह सब हमारे संविधान के कारण सम्भव हो सका।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संविधान की उद्देशिका में चार प्रमुख शब्द हैं- न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता। उन्होंने कहा कि इन चार शब्दों पर स्थापित भारत के संविधान की उद्देशिका और इस पर आधारित हमारा संविधान दुनिया का सर्वश्रेष्ठ संविधान है। उन्होंने कहा कि न्याय, सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक सभी रूपों में विचार की स्वतंत्रता तथा विश्वास, धर्म और उपासना की अभिव्यक्ति हमें अपने संविधान द्वारा प्रदत्त हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केन्द्र की सरकार के अब लगभग साढ़े पांच वर्ष हो चुके हैं। इस दौरान 10 करोड़ परिवारों को एक-एक शौचालय, 04 करोड़ परिवारों को एक-एक आवास, इतने ही परिवारों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन और 08 करोड़ परिवारों को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अलावा, देश के 50 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत योजना के तहत 05 लाख रुपए की निःशुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केन्द्र सरकार ने इन योजनाओं के तहत व्यक्ति, जाति, मत, मजहब, क्षेत्र, भाषा के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया है। इनका लाभ समाज के प्रत्येक वर्ग को बिना किसी भेदभाव के मिला है। इन्हें 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के आधार पर लागू किया गया है। केन्द्र और राज्य की सरकारें संकीर्णता के दायरे से ऊपर उठकर काम कर रही हैं।