माकपा जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करेगी

लखनऊ। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) उप्र राज्य सचिव मण्डल की बैठक में भाजपा की मोदी और योगी सरकार द्वारा किए जा रहे अन्धाधुन्ध निजीकरण के खिलाफ दिसम्बर में पूरे माह अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। बिजली मूल्य वृद्धि, ठेका खेती, किसानों के उत्पीड़न और दमन, धान एवं गन्ना किसानों की समस्याओं के मुद्दे भी अभियान के मुद्दों में जोड़े जायेंगे।


माकपा के राज्य सचिव हीरालाल ने कहा कि दिसम्बर के आखिरी सप्ताह में जिला मुख्यालयों पर धरनें प्रदर्शन किए जायेंगे। 08 जनवरी 2020 को मजदूरों की अखिल भारतीय हड़ताल का समर्थन करते हुए कहा गया कि भाजपा की मोदी सरकार जनता द्वारा अर्जित देश की सार्वजनिक सम्पत्तियों को बेच रही है और आमजन की कीमत पर बड़े पूंजीपतियों का मुनाफा बढ़ा रही है। देश में आर्थिक मन्दी के कारण कारखाना बन्दी और छटनी से बेरोजगारी तेजी से बढ़ी है।
उत्तर प्रदेश में डेंगू से लोग मारे जा रहे हैं और सरकार आश्वासनों से काम चला रही है। आवारा पशु किसानों को तबाह कर रहें हैं। धान और गन्ना फसलों का उत्पादन घटा है। दूसरी ओर कहीं भी सरकारी खरीद का इंतजाम भी नहीं है। बाजारों में किसान अपना धान 400 से 500 ₹ घाटा उठाकर बेंचने के लिए मजबूर हो रहा है।
बैठक में उन्नाव के किसानों पर दमन की कटु निन्दा करते हुए उन पर से मुकद्में वापस लेने, उनको रिहा करने तथा समुचित मुआवजा देने की मांग की गयी।


 


माकपा के राज्य सचिव हीरालाल ने कहा कि
हीरालाल यादव)
सचिव