जेएनयू छात्रों की न्यायपूर्ण मांगें मान ले सरकार : भाकपा माले
लखनऊ, 18 नवंबर। भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने फीस बढ़ोतरी के खिलाफ सोमवार को संसद मार्च कर रहे जेएनयू के छात्रों पर  लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की है।

पार्टी राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि लाठीचार्ज में आइसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एन साईं बालाजी समेत अनेकों छात्र बुरी तरह घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि सस्ती शिक्षा सभी का अधिकार है। लेकिन विवि प्रशासन फीस में भारी वृद्धि लागू कर जेएनयू को केवल अभिजात वर्ग के लिए आरक्षित करना चाहता है। यह देश का एकमात्र कैम्पस है जहां भगवा राजनीति की दाल नहीं गलती। लिहाजा यह मोदी सरकार के लिए शुरू से ही आंखों की किरकिरी बना हुआ है।

 

उन्होंने कहा कि अतीत में भी जेएनयू को खत्म करने, उसके बुनियादी लोकप्रिय चरित्र को बदलने और उसे बदनाम करने के लिए संघ-भाजपा के हमले कम नहीं हुए। यहां तक कि उसे नक्सलियों और राष्ट्र-विरोधियों का गढ़ तक कहा गया। लेकिन जेएनयू के बहादुर छात्रों ने हर बार ऐसे हमलों को पटखनी दी और राष्ट्र के सामने खुद को साबित किया। इस बार भी वे ऐसा ही करेंगे और शिक्षा से वंचित करने के मोदी सरकार के ताजा हमलों का बिना झुके डटकर मुकाबला करेंगे। 

 

माले नेता ने कहा हमारे जैसे विकासशील देश में शिक्षा और स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च को व्यापारिक नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए, भले ही प्रधानमंत्री मोदी यह कहें कि उनकी रगों में व्यापार दौड़ता है। उन्होंने कहा कि करदाताओं के पैसों का इससे बेहतर उपयोग शायद ही कहीं होगा। लिहाजा उच्च शिक्षा भी सभी की पहुंच के दायरे में होनी चाहिए। जेएनयू के छात्रों का मौजूदा संघर्ष न्यायपूर्ण है और सरकार को दमन का रास्ता छोड़कर छात्रों की मांगें बेहिचक मान लेनी चाहिए। साथ ही, हिरासत में लिये गये सभी छात्रों को अविलंब बिना शर्त रिहा किया जाना चाहिए।