इन-सी-टू कार्यक्रम के अंतर्गत वंचित किसान 10 नवम्बर तक लाभान्वित होंगे : शाही
- कृषि शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने एवं रैंकिंग में सुधार हेतु आगामी 2.5 वर्षों के कार्यों का रोडमैप तैयार करें

- कृषि विज्ञान केंद्रों के कार्यों में प्रगति न होने पर 2 माह का वेतन रोक दिया जाय

- जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुये मौसम आधारित बीजों पर

शोध एवं उनका उत्पादन किया जाए

 

लखनऊ, 5 नवम्बर। प्रदेश के कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि विश्वविद्यालय के सभी विभाग आगामी ढाई वर्षों के कार्यों का रोडमैप तैयार कर लक्ष्य निर्धारित करें और उस लक्ष्य के अनुरूप कार्य करें। जिससे विश्वविद्यालय की शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ हो सके और उसके रैंकिंग में भी सुधार आ सके। श्री शाही ने विश्वविद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्रों के कार्यों में प्रगति न होने पर जिम्मेदार अधिकारियों के 2 माह का वेतन रोकने का निर्देश दिया है।

     कृषि मंत्री आज कानपुर स्थित चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय के सभी अधिकारियों और कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर कर रहे थे। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्रों में उत्पादित बीजों का कृषि विभाग के साथ समन्यव स्थापित कर बीजों के वितरण की समुचित व्यवस्था की जाय। उन्होंने जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुये मौसम आधारित बीजों पर शोध करने एवं उनका उत्पादन किये जाने के भी निर्देश दिये। साथ ही जलवायु परिवर्तन को देखते हुये फसलों में लगने वाले रोग से बचाव हेतु किसानों के लिये एडवाइजरी जारी करने को कहा।

     श्री शाही ने कहा कि फसल अवशेषों को जलाने की घटनाओं की रोकथाम हेतु विश्वविद्यालयों द्वारा डि-कम्पोजर निकाला जाना चाहिए, जिसे किसानों के मध्य प्रचारित कर इन घटनाओं को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों के जलाने से प्रदूषण की समस्या सामने आ रही है, जो स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है। उन्होंने बताया कि इन-सी-टू कार्यक्रम के अंतर्गत वंचित किसानों को लाभान्वित करने हेतु निर्धारित तारीख बढ़ाकर 10 नवम्बर कर दी गयी है।

     बैठक में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुशील सोलोमन एवं रामचन्द्र सिंह सहित कृषि विभाग के कई अधिकारीगण मौजूद रहे।