लखनऊ, 13 नवम्बर। वर्ष 2018-19 में कई वर्षो से मिलों द्वारा सर्वे डेटा, प्री-कैेलेण्डर आदि की व्यवस्थाओं को गन्ना किसानों के हित में विभाग द्वारा विकेन्द्रित व्यवस्था के अन्तर्गत समितियों द्वारा पुनः प्रारम्भ किया गया। विकेन्द्रित व्यवस्था के अन्तर्गत पूर्व की व्यवस्था में गन्ना सूचना प्रणाली के माध्यम से किसानों के सर्वे, आपूर्ति आदि की जानकारी प्राप्त करने हेतु विभिन्न चीनी मिलों के भिन्न-भिन्न पोर्टल थे तथा पर्ची निर्गमन के कार्य हेतु पृथक-पृथक क्षेत्र हेतु वेण्डर्स कार्यरत थे।
इस सम्बन्ध में जानकारी प्रदान करते हुए श्री भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना कृषकों की सुचारू रूप से सही गन्ना आपूर्ति हेतु पर्चियों के निर्धारण तथा पर्ची निर्गमन में पूर्ण पारदर्शिता लाने एवं एकरूपता के उद्देश्य से प्रदेश में विभाग द्वारा वर्तमान पेराई सत्र से सर्वे डेटा, कापी कैलेण्डर, गन्ना कैलेण्डर, पर्चियों के निर्गमन आदि हेतु प्रदेश में एकीकृत नई गन्ना ई.आर.पी. प्रणाली अपनाई गई है ताकि शासन के मंशानुरूप अपेक्षित परिणाम प्राप्त हो सकें।
उन्होंनेे बताया कि गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग की ई.आर.पी. ऐसी व्यवस्था है जिसके अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के समस्त गन्ना किसानों की गन्ना सर्वे, बेसिक कोटा, सट्टा, गन्ना कैलेंडरिंग, पर्चियां के निर्गमन, गन्ना आपूर्ति, भुगतान की जानकारी एक ही पोर्टल पर एक समान साॅफ्टवेयर पर उपलब्ध कराई जायेगी। गन्ना कृषक ई.आर.पी. से संबंधित वेबसाइट अथवा विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध लिंक पर जाकर ई.आर.पी पोर्टल से समस्त जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं एवं ''ई-गन्ना एप'' के माध्यम से भी अपने सर्वे, कैलेंडर, एवं पर्ची की समस्त जानकारियां प्राप्त कर सकते है। इस व्यवस्था में चीनी मिलों पर किसी प्रकार की निर्भरता नही रहेगी एवं मिलों के अनावश्यक हस्तक्षेप नही हो पायेगा।
गन्ना ई.आर.पी. के माध्यम से चीनी मिलों की पेराई क्षमता, क्षेत्र में गन्ने की उपलब्धता आदि के आधार पर समुचित कैलेण्डरिंग से निर्धारित समय पर पर्ची के निर्गमन एवं प्रदेश स्तर पर सभी मिलों हेतु सट्टा नीति के अनुसार गन्ना किसान हित में व्यवस्थायें की गयी है। वेब पोर्टल एवं मोबाइल एप पर सर्वे डेटा प्री-कैलेण्डर आदि सूचना की उपलब्धता के कारण किसान निर्धारित समय के अन्तर्गत गन्ना आपूर्ति कर सकेगें। गन्ना ई.आर.पी. के माध्यम से गन्ना किसानों को पर्ची संबंधी सूचना उनके मोबाइल पर एस.एम.एस. के माध्यम से भी प्राप्त कराये जाने की व्यवस्था की गयी है जिसको दिखाकर भी गन्ना किसान तौल करा सकेगें।
गन्ना ई.आर.पी व्यवस्था की सम्पूर्ण व्यवस्था विभागीय है एवं पर्ची निर्गमन का समस्त कार्य गन्ना समितियों के माध्यम से किया जा रहा है, समस्त गन्ना समितियों में पर्चियों के निर्गमन तथा आकड़ों को अपलोड किये जाने हेतु आई.टी. सेन्टर के साथ-साथ इंक्वायरी टर्मिनल भी स्थापित किए गए हैं। गन्ना संबंधित ई.आर.पी के कुशल संचालन के लिए गन्ना समितियों में यथाआवश्यक व्यस्थायें करते हुए समितियों का सुदृढ़ीकरण करने प्रयास किया गया है जो ससमय विभिन्न कार्यवाही करेगी। किसानों द्वारा दर्ज कराई जाने वाली शिकायतों का त्वरित समाधान समिति कार्यालय से सुनिश्चित करेगें।
वर्तमान सत्र में गन्ना सम्बन्धित ई.आर.पी (एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग) के माध्यम से उत्तर प्रदेश गन्ना किसानों को वेब पोर्टल, मोबाइल एप ''ई-गन्ना'' के माध्यम से गन्ना विपणन, सर्वे डेटा, प्री-कैलेन्डर, बेसिक कोटा, गन्ना कैलेन्डर, सप्लाई टिकट, आदि की सूचनायें पारदर्षी व्यवस्था के अन्तर्गत सभी किसानों द्वारा स्वयं से संबंधित एवं यथा आवश्यक अन्य किसानों से संबंधित सूचनायें प्राप्त की जा सकेगी। गन्ना किसानों के आकड़ों में मानवीय हस्तक्षेप एवं अनियमितताओं को रोकने हेतु आकड़ों में होने वाले परिवर्तनों को ट्रैक करने की व्यवस्था की गयी है एवं साथ ही साथ दोहरी सत्यापन व्यवस्था स्थापित की गयी है।
उन्होंने यह भी बताया कि इस व्यवस्था में चीनी मिलों पर किसी प्रकार की निर्भरता नही रहेगी एवं मिलों के अनावयक हस्तक्षेप नही हो पायेगा। तौल लिपिकों के पाक्षिक हस्तान्तरण में मनमानी जगह तैनाती के लिये गड़बड़ी होने की सम्भावना बनी रहती थी, जिसे रोकने हेतु ई.आर.पी.के माध्यम से आन लाईन लाटरी द्वारा तौल लिपिकों के पाक्षिक हस्तान्तरण किये जायेगे।
इसके उपरान्त दूसरे चरण में ई.आर.पी. के अन्तर्गत एच.आर माड्यूल, कीटनाशक, खाद वितरण हेतु मॉड्यूल समिति की बैलेंसशीट, टीडीएस एंव एकाउंटिग आदि के माड्यूल भी ई.आर.पी. के तहत किये जाने प्रस्तावित है। जिससे विभाग के अन्र्तगत गन्ने के विपणन के साथ-साथ उसके कृषि निवेशों के व्यवसाय, स्थापन एवं लेखा संबंधी कार्यों सहित समस्त गतिविधियां इस पोर्टल के माध्यम से सुचारू रूप से संपादित हो सकेंगी, जिससे विभाग की गतिविधियों के सम्पादन में शुद्वता एंव गतिशीलता के साथ पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
राजस्व विभााग अपने भू-लेख आन लाईन कर रहा हैं ऐसी स्थिति में ई.आर.पी के माध्यम से गन्ना किसानों की भू-जोत को राजस्व विभाग के भू-लेख पोर्टल से लिंक करने हेतु मोड्यूल पर कार्यवाही की जा रही है, जिससे आगामी वर्षों मेें किसानों की भू-जोत का उसके राजस्व अभिलेखों से स्वतः सत्यापन हो सकेगा तथा त्रुटि की संभावना दूर होगी और वास्तविक कृषक को लाभ मिलेगा।
यह भी उल्लेखनीय है कि प्रभावी शिकायत निवारण हेतु वेबसाइट एवं ई-गन्ना ऐप के साथ-साथ इंक्वारी टर्मिनल भी स्थापित किये गये है। गन्ना विभाग द्वारा मुख्यालय पर 24×7 टोल-फ्री नम्बर 1800-121-3203 की व्यवस्था की गयी है। ई.आर.पी प्रदाता के द्वारा गन्ना पर्ची के संबंधित जानकारी हेतु 24×7 टाॅल-फ्री नम्बर 1800-103-5823 की स्थापना की गयी है। किसानों की समस्याओं का निराकरण तकनीकी रूप से दक्ष कार्मिकों द्वारा किया जायेगा।
गन्ना ई.आर.पी. व्यवस्था के अन्तर्गत विकसित किये गये वेब- पोर्टल ''बंदमनचण्पदश्, ''ई-गन्ना'' एप, एस.एम.एस. के आधार पर भी तौल की व्यवस्था होने एवं समितियों के सुदृढीकरण एवं प्रशासनिक सुधार के कारण माफियाओं और बिचैलियों पर अंकुश लगेगा एवं किसानों को समिति कार्यालय के चक्कर नही काटने पडे़गे और घर बैठे सारी जानकारी उन्हें प्राप्त हो सकेंगी एवं समस्याओं का निस्तारण हो सकेगा जिससे सरकार की मंशानुरूप गन्ना किसानों की समृद्धि सुनिश्चित होगी।