भारत की विकास दर पिछले 7 साल में आर्थिक तबाही, बर्बादी और चिन्ताजनक है : कांग्रेस

लखनऊ। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा है कि भारत की विकास दर 4.5ः पर पहुंच गयी है जो पिछले 7 साल में सबसे कम है, यह देष की आर्थिक तबाही, बर्बादी और चिंतित भविष्य की कहानी बयान कर रहा है। वास्तविकता इससे भी अधिक चिन्ताजनक है, 6 कोर सेक्टर मे से 4 कोर सेक्टर में अधिक गिरावट दर्ज की गयी है तब जाकर 4.5ः पर है, यह संगठित क्षेत्र का आंकड़ा है, यदि इसमें असंगठित का क्षेत्र, जो लगभग 70- 80 प्रतिषत है उसकी भी दर्ज करके आंकलन किया जाय तो यह 1ः के आस पास पहंच जायेगी जो देष की भयावह आर्थिक स्थिति का बयान कर रहा है।


श्री तिवारी ने कहा है कि मोदी जी ! क्या यही आपका ''नया भारत'' है? इसका सबसे बड़ा दुष्परिणाम होगा कि जो नौजवान बेरोजगार है और जो छात्र- छात्रायें भविष्य में विष्वविद्यालयों से परीक्षा उत्तीर्ण करके निकलने वाले हैं, उनके रोजगार की संभावनायें और भी कम हो जायेंगी । मोदी जी ने नौजवानों के लिये ऐसा नया भारत बनाया है जहां उनके भविष्य के लिये कोई जगह नहीं हैं, मोदी सरकार के 6 साल की यही उपलब्धि है।
श्री तिवारी ने कहा है कि हैदराबाद में एक महिला डाक्टर को अगवा किया गया और उसके साथ सामूहिक बलात्कार करके उसे जिन्दा जला दिया गया। महिला डाक्टर से बलात्कार के प्रकरण के बाद उसी इलाके में एक दूसरी महिला की जली हुई लाष मिली। इसी प्रकार से भा.ज.पा. शासित राज्य राॅंची (झारखण्ड) में एक महिला को राष्ट्रीय राजमार्ग से उठाकर गांव में ले गये और उसके साथ 12 लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया, क्या यही है भारतीय जनतापार्टी का 'बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ' के नारे का सच ? आज महिलायें राष्ट्रीय राजमार्गो श्री तिवारी ने कहा है कि भा.ज.पा. सरकार ने अराजक तत्वों और बलात्कारियों के सामने घुटने टेक दिये है। हैदराबाद और रांची की घटनायें ''निर्भया काण्ड'' से भी ज्यादा शर्मिन्दा करने वाली हैं। केन्द्र में भा.ज.पा. सरकार के 6 साल के कार्यक्राल में ''निर्भया काण्ड'' के दोषी फांसी पर नहीं चढ़ सकें है, जबकि न्यायालय का निर्णय आ चुका है।
काष! यदि निर्भया काण्ड के दोषियों को फांसी हो गयी होती तो यह बलात्कारियों के लिये एक नजीर बनती, पापियां/बलात्कारियों के मन में डर पैदा करता। परन्तु ऐसा न होना ही बलात्कारियों के हौंसले को बढ़ा रहा है।
श्री तिवारी ने कहा है कि हैदराबाद और रांची के दोषियों का मुकदमा ''फास्ट ट्रैक कोर्ट'' में चलाया जाय, और फांसी की सजा होने पर तुरन्त दोषियों को फांसी दे दी जाय, तभी आम जनों और खासकर महिलाओं में सुरक्षा की भावना बढ़ेगी तथा ऐसा अपराध करने वालों के मन में डर पैदा होगा।