लखनऊ। संविधान दिवस के अवसर पर बुलाये गये विशेष सत्र पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस मौके पर आरोप-प्रत्यारोप के बजाय इन्हें सहजता से लेना चाहिए और सदन में रचनात्मक विचार भी रखने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था अब बहुत सुधर चुकी है। राज्य में कानून का राज स्थापित हो चुका है। उन्होंने राम जन्म भूमि पर कोर्ट के फैसले का उल्लेख करते हुए कहा कि इस दौरान पूरे प्रदेश में शांति व्यवस्था बहाल रही और कहीं कोई अप्रिय स्थिति नहीं बनी। उन्होंने कहा कि भारत के लोग शांति, सौहार्द और विकास के पक्षधर हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 26 जनवरी 1950 को जब देश का संविधान लागू हुआ तो उसके 02 वर्ष के अंदर ही इसमें एक नया आर्टिकल 370 जोड़ दिया गया, जिसके तहत कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया। उन्होंने कहा कि संविधान के शिल्पी बाबा साहब डाॅ. भीमराव आंबेडकर ने उस समय इसका पुरजोर विरोध किया था और कहा था कि यही विशेष दर्जा आगे चलकर अलगाववाद का कारण बनेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साहस दिखाते हुए आर्टिकल 370 को खत्म कर दिया। अब कश्मीर में भारतीय संविधान पूरी तरह से लागू है। इसका विशेष दर्जा समाप्त हो चुका है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में वैश्विक मंच पर भारत की प्रतिष्ठा पहले से कई गुना बढ़ी है। आज भारत दुनिया को नेतृत्व प्रदान करने वाला देश है। यह नया भारत है। उन्होंने भारत को 05 ट्रिलियन यूएस डाॅलर एकोनाॅमी बनाने तथा उत्तर प्रदेश को 01 ट्रिलियन डाॅलर इकोनाॅमी बनाने के संकल्प का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके लिए हमें योजनाबद्ध तरीके से काम करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश को 01 ट्रिलियन डाॅलर इकोनाॅमी बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने कार्ययोजना बनायी है। इनका उद्देश्य देश की तरक्की के साथ-साथ सबकी समृद्धि भी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संविधान में निहित मूल कर्तव्यों की चर्चा करते हुए कहा कि यह सभी नागरिकों के लिए अनिवार्य होने चाहिए, क्योंकि अधिकार और कर्तव्य अलग नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि अधिकारविहीन कर्तव्य कोई मायने नहीं रखता, जबकि कर्तव्यविहीन अधिकार निरंकुश सत्ता को जन्म देते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोकतंत्र के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। साथ ही, इसकी रक्षक भी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर 17 सस्टेनेबल डेवलपमेन्ट गोल्स पर यूएन द्वारा जो कार्ययोजना तैयार की गयी, उन पर 02 और 03 अक्टूबर 2019 को इस सदन में 36 घण्टे तक चर्चा हुई थी। इस कार्ययोजना के तहत आने वाली सभी योजनाएं समाज के दबे-कुचले और वंचित वर्गों के साथ-साथ समाज के सभी वर्गों को शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छ पेयजल, ऊर्जा इत्यादि जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने से सम्बन्धित हैं। उन्होंने कहा कि भुखमरी, बेकारी, गरीबी, आतंकवाद इत्यादि वैश्विक समस्याएं हैं। इसलिए सभी देशों को मिलजुल कर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि जीरो हंगर, खाद्य सुरक्षा, बेहतर पोषण, स्वास्थ्यप्रद कृषि, क्वालिटी एजुकेशन, रोजगार सभी की आवश्यकताएं हैं।
प्रदेश में उपलब्ध करायी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के जनपदों में मेडिकल काॅलेज स्थापित कर रही है। साथ ही, लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस भी उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कहा कि गुणवत्तायुक्त शिक्षा के उद्देश्य से स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी हैं। प्रदेश के 01 लाख 58 हजार विद्यालयों में से 92 हजार विद्यालयों में आपरेशन कायाकल्प के तहत फर्नीचर, फ्लोरिंग, टाॅयलेट, पेयजल की व्यवस्था और स्मार्ट क्लास की स्थापना सुनिश्चित की गयी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में नये विश्वविद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं। सहारनपुर और अलीगढ़ में नये विश्वविद्यालय स्थापित किए जाएंगे। इसी प्रकार आजमगढ़ में भी एक नया विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा। निजी क्षेत्र को भी शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश में एम्स जैसी संस्थाएं स्थापित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि आजादी से लेकर वर्ष 2016 तक प्रदेश में कुल 12 राजकीय मेडिकल काॅलेज थे, जबकि वर्ष 2016 से 2019 के बीच 15 मेडिकल काॅलेज बनकर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। इसके अलावा, 14 नये मेडिकल काॅलेजों की स्थापना के प्रस्ताव भी मिले हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केन्द्र द्वारा लागू 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' के तहत प्रदेश में लागू मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इसके तहत बेटियों को जन्म से डिप्लोमा, डिग्री का कोर्स करने तक 15 हजार रुपए का पैकेज सरकार देगी। इसी प्रकार शादी के योग्य होने पर 51 हजार रुपए की सहायता प्रदेश सरकार की तरफ से उपलब्ध करायी जाएगी। इस योजना के तहत अब तक 96 हजार बालिकाओं का विवाह सम्पन्न हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में 50 हजार पुलिस भर्तियां प्रचलित हैं, जबकि इससे पूर्व 75 हजार पुलिस कर्मियों की भर्ती की जा चुकी है। यह सब पारदर्शी व्यवस्था के अंतर्गत किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा क्राइम और करप्शन पर जीरो टाॅलरेन्स की नीति अपनायी गयी है, जो आगे भी पूरी दृढ़ता से लागू रहेगी।