लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अयोध्या प्रकरण में विगत 9 नवम्बर को दिए गए निर्णय के दृष्टिगत आगामी 15 दिसम्बर तक समुचित एवं सुदृढ़ सुरक्षा प्रबन्ध किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस निर्णय के बाद से अब तक प्रदेश में सौहार्द और शान्ति के वातावरण की नई मिसाल कायम होने पर अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि यह वातावरण और सतर्कता भविष्य में भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने फुट पट्रोलिंग, यूपी-112 पट्रोलिंग, पीस कमेटियों, धर्मगुरुओं तथा समाज के विभिन्न वर्गों के साथ निरन्तर सम्पर्क और संवाद रखे जाने पर जोर देते हुए सुरक्षा के सम्बन्ध में किसी भी प्रकार की शिथिलता या लापरवाही न बरते जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज यहां अपने सरकारी आवास पर प्रदेश में कानून व्यवस्था और अन्य विभिन्न विषयों पर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनपद और मण्डल स्तरीय अधिकारियों सहित विभिन्न जोन व रेंज के पुलिस अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने महिला सम्बन्धी अपराधों पर तेजी से कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए कहा कि पाॅक्सो एक्ट से जुड़े मामलों में सन्तोषजनक प्रगति हुई है। इसी प्रकार महिला और समाज के अन्य कमजोर वर्गों से जुड़े अपराधों के सम्बन्ध में दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि उद्योग बन्धु के साथ अनिवार्य रूप से जनपद और मण्डल स्तर पर बैठकें सुनिश्चित की जाएं। पूंजी निवेश और इन्वेस्टर्स समिट से जुड़े प्रस्तावों के लम्बित मामलों पर तेजी से कार्यवाही करते हुए समस्याओं का निस्तारण किया जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धर्मस्थलों, पेट्रोल पम्प, व्यावसायिक व औद्योगिक प्रतिष्ठानों, एमटीएम तथा बैंकों आदि पर सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। साइबर क्राइम के दृष्टिगत रेंज स्तर पर साइबर थानों को खोले जाने की कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि आमजन की सुनवाई और उनकी समस्याओं के निस्तारण में शिथिलता व लापरवाही को गम्भीरता से लिया जाएगा। आईजीआरएस, सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायतों में शीघ्रता से कार्रवाई किए जाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यालय तथा फील्ड के प्रत्येक स्तर के सभी अधिकारी व कर्मचारी समय पर कार्यालय में उपस्थित रहें और 01 घण्टा जनसुनवाई के लिए सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री जी ने प्राथमिक विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को 30 नवम्बर तक हर हाल में स्वेटर उपलब्ध कराए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता पाए जाने पर सम्बन्धित जिलाधिकारी व बीएसए के विरुद्ध कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि 01 जनवरी, 2020 से सम्भावित जनगणना कार्यक्रम से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी जनगणना के सम्बन्ध में पारदर्शिता व ईमानदारी से कार्य करते हुए शौचालय निर्माण सहित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत उनसे जुड़े आंकड़ों पर नजर रखें। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति सड़क या फुटपाथ पर सोता हुआ न पाया जाए। रैन बसेरों तथा उनकी सुरक्षा व्यवस्था के सम्बन्ध में कार्यवाही की जाए। टैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर भी कार्रवाई हो।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समस्याओं का समाधान का समयबद्ध ढंग से किया जाए, इसका आधार जनता की संतुष्टि हो। यदि ऐसा नहीं होता, तो अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।उन्होंने जनसुनवाई पोर्टल पर मुख्यमंत्री सन्दर्भ, आनलाइन सन्दर्भ एवं पीजी पोर्टल के जिलाधिकारी स्तर पर टाॅप-10 असन्तोषजनक निस्तारण वाले 10 डिफाॅल्टर जनपदों-अलीगढ़, बहराइच, सुलतानपुर, चन्दौली, बाराबंकी, वाराणसी, भदोही, मऊ, संतकबीरनगर तथा अम्बेडकरनगर की चर्चा करते हुए कहा कि इस स्थिति में सुधार लाया जाए। इसी प्रकार, उन्होंने पुलिस अधीक्षक स्तर पर डिफाॅल्टर जनपदों का संज्ञान लिया।
इसके पूर्व, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी तथा डीजीपी ओपी सिंह ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस अवसर पर मण्डलीय व जनपदीय अधिकारियों सहित जोन व रेंज के पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धर्मस्थलों, पेट्रोल पम्प, व्यावसायिक व औद्योगिक प्रतिष्ठानों, एमटीएम तथा बैंकों आदि पर सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। साइबर क्राइम के दृष्टिगत रेंज स्तर पर साइबर थानों को खोले जाने की कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि आमजन की सुनवाई और उनकी समस्याओं के निस्तारण में शिथिलता व लापरवाही को गम्भीरता से लिया जाएगा। आईजीआरएस, सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायतों में शीघ्रता से कार्रवाई किए जाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यालय तथा फील्ड के प्रत्येक स्तर के सभी अधिकारी व कर्मचारी समय पर कार्यालय में उपस्थित रहें और 01 घण्टा जनसुनवाई के लिए सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री जी ने प्राथमिक विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को 30 नवम्बर तक हर हाल में स्वेटर उपलब्ध कराए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता पाए जाने पर सम्बन्धित जिलाधिकारी व बीएसए के विरुद्ध कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि 01 जनवरी, 2020 से सम्भावित जनगणना कार्यक्रम से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी जनगणना के सम्बन्ध में पारदर्शिता व ईमानदारी से कार्य करते हुए शौचालय निर्माण सहित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत उनसे जुड़े आंकड़ों पर नजर रखें। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति सड़क या फुटपाथ पर सोता हुआ न पाया जाए। रैन बसेरों तथा उनकी सुरक्षा व्यवस्था के सम्बन्ध में कार्यवाही की जाए। टैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर भी कार्रवाई हो।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समस्याओं का समाधान का समयबद्ध ढंग से किया जाए, इसका आधार जनता की संतुष्टि हो। यदि ऐसा नहीं होता, तो अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।उन्होंने जनसुनवाई पोर्टल पर मुख्यमंत्री सन्दर्भ, आनलाइन सन्दर्भ एवं पीजी पोर्टल के जिलाधिकारी स्तर पर टाॅप-10 असन्तोषजनक निस्तारण वाले 10 डिफाॅल्टर जनपदों-अलीगढ़, बहराइच, सुलतानपुर, चन्दौली, बाराबंकी, वाराणसी, भदोही, मऊ, संतकबीरनगर तथा अम्बेडकरनगर की चर्चा करते हुए कहा कि इस स्थिति में सुधार लाया जाए। इसी प्रकार, उन्होंने पुलिस अधीक्षक स्तर पर डिफाॅल्टर जनपदों का संज्ञान लिया।
इसके पूर्व, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी तथा डीजीपी ओपी सिंह ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस अवसर पर मण्डलीय व जनपदीय अधिकारियों सहित जोन व रेंज के पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।