अनाधिकृत औषधि स्टोर की रोकथाम को मोबाईल ऐप विकसित : डा. अनिता भटनागर जैन
- प्रत्येक स्तर हेतु दैनिक प्रारूप किये गये निर्धारित : डाॅ. अनिता भटनागर जैन

 

लखनऊ। खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन विभाग के विभिन्न कार्यकलाप सीधे जनमानस से जुड़े हुये हैं। डॉ. अनिता भटनागर जैन, अपर मुख्य सचिव, खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि विभाग में अधिकारी स्वयं अपने कार्य का स्वमूल्यांकन कर सके इस हेतु विभिन्न अधिकारियों के लिए उनसे संबंधित सभी कार्यकलापों को दृष्टिगत रखते हुए प्रत्येक स्तर हेतु दैनिक प्रारूप निर्धारित किये गये हैं। ये प्रारूप खाद्य सुरक्षा अधिकारी, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी, अभिहित अधिकारी, सहायक आयुक्त (खाद्य), औषधि निरीक्षक, सहायक आयुक्त (औषधि) के लिए निर्धारित किये गये हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा विभाग के विभिन्न अधिकारियों हेतु सैद्धांतिक रूप से टेबलेट प्रदान करने के संबंध में अनुमोदन भी प्रदान कर दिया गया है।

डाॅ. जैन ने बताया कि इसके माध्यम से विभिन्न कार्यों की गतिशीलता पारदर्शिता गुणवत्ता में सुधार व सूचना संकलित करने में सहायता मिलेगी। विभाग के विभिन्न कार्यकलापों में रियल टाइम मॉनीटरिंग हेतु भी सॉफ्टवेयर का ट्रायल किया जा रहा है जिसके लागू होने के उपरांत फील्ड में सैम्पल लेने से लेकर विश्लेषण, प्रयोगशाला में कोडिंग, विश्लेषण रिपोर्ट, रिपोर्ट प्रेषण, तत्पश्चात फील्ड में संबंधित को सूचित करने, अनुपालन आदि का विवरण यदि आवश्यक हो तो अभियोजन की स्वीकृति लेने, परिवाद दाखिल होने, न्यायालयों में अध्यावधिक स्थिति, अंतिम निर्णय सजा व जुर्माना आदि सभी की सूचना ऑनलाइन रियल टाइम में फीड होगी। सैम्पल व कोर्ट मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर से यदि किसी स्तर पर विलम्ब होगा तो वह तत्काल पकड़ा जा सकेगा।

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि अनाधिकृत औषधि स्टोर की रोकथाम हेतु एक मोबाईल ऐप विकसित किया गया है जिससे की मेडिकल स्टोर की जियोटैगिंग की जा सके। इस ऐप पर विभागीय अधिकारी व सम्बन्धित लाइसेन्सी दोनों ही सूचना फीड कर जियोटैगिंग कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि औषधि विक्रताओं एवं औषधि निर्माणशालाओं को निर्गत किये जा रहे अनुज्ञप्तियों एवं प्रमाण-पत्रों पर क्यू आर कोडिंग किये जाने के विकसित साफ्टवेयर का भी ट्रायल रन किया जा रहा है। इस क्यू आर कोड के माध्यम से विभागीय वेबसाइट पर उपलब्ध लाइसेन्स धारकों की सूची से पुष्टि की जा सकेगी और जनसामान्य भी बिना लाइसेन्स की दुकानों आदि के सम्बन्ध में विभाग को सूचित कर सकेगा।