- 15 दिन के अन्दर लिये गये निर्णयों का अनुपालन करायें अधिकारी : मुख्य सचिव
- अनुदान का भुगतान डीपीटी के माध्यम से हो
लखनऊ, 17 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत स्वीकृत परियोजनाओं हेतु लिये गये निर्णयां का क्रियान्वयन समय से न होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए हैं कि आगामी 15 दिन के अन्दर लिये गये निर्णयों का अनुपालन प्रत्येक दशा में सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने कहा कि लिये गये निर्णयों के अनुपालन में हुये विलम्ब/शिथिलता की जिम्मेदारी तय की जाए। उन्होंने राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत स्वीकृत परियोजनाओं की धीमी प्रगति के कारण 28 प्रतिशत व्यय होने पर की प्रगति होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि आगामी 31 अक्टूबर तक कम से कम 40 प्रतिशत तथा 30 नवम्बर तक कम से कम 60 प्रतिशत व्यय सुनिश्चित कराकर भारत सरकार से द्वितीय किस्त प्राप्त करने की कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाए।
मुख्य सचिव आज राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की एसएलएससी बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने वर्ष 2019-20 हेतु कृषि, पशुपालन, मत्स्य, रेशम, उद्यान, लघु सिंचाई एवं प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालय एवं संस्थाओं की लगभग 155 करोड़ ₹ की परियोजनाएं अनुमोदित करते हुए निर्देश दिए कि नियमानुसार यथाआवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि समस्त विभाग एवं संस्थाएं लाभार्थीपरक कार्यक्रमों में किसानों को अधिक से अधिक लाभ एवं अनुदान का भुगतान डीपीटी के माध्यम से तीव्र गति से कराया जाए। उन्होंने कहा कि योजनान्तर्गत सृजित अवस्थापनाओं तथा परिसम्पत्तियों की शत-प्रतिशत जियो-टैगिंग कराना सुनिश्चित किया जाए। योजनान्तर्गत कार्यों का निष्पादन वर्ष 2019-20 में समयबद्ध एवं तीव्र गति से सुनिश्चित कराने के साथ नवीन परियोजनाएं अनुमोदित की गयी।
श्री तिवारी ने यह भी निर्देश दिए कि भविष्य में विभाग की प्राथमिकताएं तय करते हुए आगामी दिसम्बर माह तक आगामी वित्तीय वर्ष की योजनाएं बना ली जाएं ताकि विभागीय योजनाओं के चयन में किसी भी स्तर पर विलम्ब न होने पाए। उन्होंने पूर्व बैठक में लिये गये निर्णय के बावजूद पशुपालन विभाग द्वारा 05 माह तक कार्यदायी संस्था नामित न किये जाने पर उत्तरदायित्व निर्धारित करने के निर्देेश दिए। उन्होंने प्रदेश के 97400 राजस्व ग्रामों में प्रति राजस्व ग्राम एक वर्मी कम्पोस्ट इकाई की स्थापना हेतु 38.97 करोड़ ₹ का अनुमोदन देते हुए निर्देश दिए कि विगत दो वर्षों में स्थापित 155 लाख वर्मी कम्पोस्ट इकाईयों में से दस प्रतिशत कार्यों का भौतिक सत्यापन एवं उनकी उपयोग की स्थिति का सत्यापन सुनिश्चित कराया जाए।
मुख्य सचिव ने प्रदेश में गंगा बेसिन के 08 जनपदों-कानुपर नगर, रायबरेली, प्रतापगढ़, फतेहपुर, प्रयागराज, मिरजापुर, वाराणसी एवं चन्दौली के 100 ग्रामों में स्वच्छता एक्शन प्लान के अन्तर्गत क्लस्टर के माध्यम से जैविक खेती को बढ़ावा देने हेतु 16.83 करोड़ ₹ का अनुमोदन प्रदान किया। उन्होंने कृषि विभाग के 5 हजार मीट्रिक टन भण्डारण क्षमता के 25 जनपदों में पूर्व निर्मित बफर गोदामों के सुदृढ़ीकरण एवं क्रियाशील बनाने हेतु 7.50 करोड़ ₹ तथा प्रदेश के 50 विकास खण्डों में किसानों को एक स्थान पर उन्नत बीज, कृषि रक्षा रसायन एवं उपकरण तथा प्रशिक्षण आदि की सुविधाएं सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से किसान कल्याण केन्द्रों की स्थापना हेतु 40.07 करोड़ ₹ का अनुमोदन प्रदान किया।
बैठक में प्रदेश के 21 पान उत्पादक जनपदों में पान की खेती को बढ़ावा देने हेतु 2.17 करोड़ ₹, पशुपालन विभाग की एनीमल हेल्थ सब स्कीम के लिए 8.02 करोड़ ₹, डीप फ्रोजन सिमन स्टेशन, मझरा-खीरी के आधुनिकीकरण हेतु 5.39 करोड़ ₹ का अनुमोदन प्रदान किया गया।
मुख्य सचिव नाराज राष्ट्रीय कृषि विकास की योजनाओं पर