- योगी सरकार ने पर्यावरण में स्वच्छ वायु हेतु उठाये ठोस कदम
लखनऊ, 31 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश ने पर्यावरण में स्वच्छ वायु प्रवाह को बनाये रखने के लिए ठोस कदम उठाये हैं। स्वच्छ वायु एवं वातावरण को बनाये रखने के लिए वृक्ष जरूरी हैं। वृक्षों से मानव सहित सभी जीव जन्तुओं को आक्सीजन मिलता है। वृक्ष जीवन के स्तम्भ हैं। पृथ्वी पर जीवन के लिए जरूरी तत्वों में हवा और पानी की उत्पत्ति के लिए वृक्षों की मुख्य भूमिका रही है। जीवों द्वारा छोड़ी गयी कार्बन डाई आक्साइड को ग्रहण करके पेड़-पौधे प्राणवायु आक्सीजन छोड़ते हैं। प्रदेश में वन क्षेत्र बढ़ाने तथा स्वच्छ वायु बनाये रखने के लिए सरकार ने वर्ष 2017 में 5.70 करोड़, वर्ष 2018 में 11.12 करोड़ तथा इस वर्ष 22.59 करोड़ विभिन्न प्रजातियों के वृक्ष लगाकर महत्वपूर्ण कार्य किया है। प्रदेश में लगाये गये ये पौधे धीरे-धीरे बड़े होते रहेंगें और प्रदूषित हवा को शुद्ध करते रहेंगे।
प्रदेश सरकार ने गन्दगी से प्रदूषण फैलाने वाली पाॅलीथीन, कैरीबैग, सिंगल यूज प्लास्टिक एवं थर्माकोल कटलरी पर पूर्णतः प्रतिबन्ध लगाते हुए स्वच्छ वायु बनाये रखने पर बल दिया है। सरकार ने प्रदेश के 15 शहरों में वायु प्रदूषण नियंत्रण कार्ययोजना का क्रियान्वयन शुरू कर दिया है। वायु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा वर्ष 2024 तक पार्टिकुलेट मैटर में 20.30 प्रतिशत कमी लक्षित की गई है। मेरठ शहर के अन्तर्गत 03 सतत् परिवेशीय वायुगुणता अनुश्रवण केन्द्रों का शुभारम्भ किया गया है। प्रदेश में 18 स्थलों पर सतत् परिवेशीय वायुगुणता अनुश्रवण केन्द्र संचालित है तथा 18 अन्य स्थलों पर नये केन्द्र खुलवाने की कार्यवाही चल रही है। सरकार ने पर्यावरण अनुश्रवण हेतु त्रिस्तरीय अनुश्रवण व्यवस्था के अन्तर्गत प्रदेश में जिला पर्यावरण समितियों एवं राज्य स्तर पर 04 उच्च स्तरीय अनुश्रवण समितियां गठित की हैं।
पर्यावरण शुद्ध रहे और सभी जीवों को स्वच्छ वायु मिले इसके लिए भी सरकार ने कार्यवाही आरम्भ कर दी है। सरकार ने विभिन्न वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए प्रदेश में इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग एवं मोबिलिटी पाॅलिसी 2019 प्रख्यापित की है। इलेक्ट्रिक वाहनों के चलने से वाहन प्रदूषण रूकेगा और वातावरण शुद्ध रहेगा। पर्यावरण अनुकूल मास ट्रांसपोर्टेशन व्यवस्था हेतु सरकार ने प्रदेश के बड़े नगरों में मेट्रो संचालन शुरू कर दिया है।