पशुपालन के जिम्मे 5 लाख पौधरोपण की जिम्मेदारी

- पशुपालन विभाग द्वारा कल 5 लाख वृक्षारोपण किया जायेगा


लखनऊ, 8 अगस्त। उ0प्र0 सरकार द्वारा वर्ष 2019-20 में वृक्षारोपण महाकुम्भ अभियान के अन्तर्गत 22 करोड़ पौध रोपण का लक्ष्य निर्धारित किया है जिसमें पशुपालन विभाग द्वारा 5 लाख पौध रोपण किया जायेगा। 5 लाख पौध रोपण हेतु विभागीय संस्थाओं, पशुधन प्रक्षेत्रों, निराश्रित/बेसहारा गोवंश संरक्षण केन्द्रों की रिक्त भूमि पर राज्य सरकार के निर्देशानुसार समस्त तैयारियां विभाग द्वारा पूर्ण कर ली गई हैं। विभाग द्वारा कल 09 अगस्त से वृक्षारोपण किया जायेगा। पशुपालन विभाग द्वारा जनपदवार वृक्षारोपण के लक्ष्य निर्धारित कर दिये गये हैं। जनपद के संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि अपने जनपद के लक्ष्य को शत-प्रतिशत प्राप्त करें।
यह जानकारी आज यहां पशुपालन विभाग के निदेशक डा0 यू0पी0 सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों को इस योजना के मूलभूत उद्देश्यों, इससे होने वाले लाभों, पर्यावरण सुरक्षा, पशुपालन के क्षेत्र में वृक्षारोपण की महत्ता से अवगत कराते हुये पर समयबद्वता के साथ कार्य को पूर्ण किये जाने एवं लोगों को भी जागरूक करने के लिए निर्देशित भी किया गया है। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण कार्य हेतु विभाग पूर्णरूप से तैयार है जिससे सरकार द्वारा दिये गये इस महत्वपूर्ण कार्य को सफल बनाया जा सके। 
श्री सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है। वढ़ती हुई जनसंख्या के सापेक्ष वृक्षों की उपयोगिता अधिक हो जाती है क्योंकि मानव समाज की निर्भरता वृक्षों पर अधिक है। वृक्षारोपण का पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण स्थान है। पेड़ ऑक्सीजन का स्रोत हैं तथा वृक्षो द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण करने ऑक्सीजन को छोड़ने से पृथ्वी पर जीवित प्राणियों का अस्तित्व संभव हो सका है। उन्होंने यह भी कहा कि कार्बन डाइऑक्साइड लेने के अलावा पेड़ सल्फर डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड सहित कई हानिकारक गैसों को भी अवशोषित करते हैं और वातावरण से हानिकारक प्रदूषक को भी फिल्टर करते हुए हमें स्वच्छ वायु सांस लेने के लिए प्रदान करते हैंं।
वाहनों और कारखानों द्वारा उत्सर्जित धुएं के कारण वायु प्रदूषण की बढ़ती मात्रा केवल तभी नियंत्रित की जा सकती है जब अधिक से अधिक पेड़ लगाए जायेंगे। इसके साथ ही साथ वृक्षों द्वारा भूमि में कार्बन की मात्रा में भी वृद्धि की जाती है जिससे भूमि की भौतिक एवं रासायनिक गुणों में भी सुधार होता है, जो अधिक अन्न उत्पादन में सहायक है। समस्त जीव जन्तुओं के लिए भोजन के रूप में फलों और पत्तियों को प्रदान करना, जैव विविधता को बनाए रखना, जल का संरक्षण करना, पक्षियों और जानवरों के लिए आवास, वातावरण नियंत्रण एवं मिट्टी का संरक्षण भी वृक्षारोपण द्वारा ही संभव है।