- 'गुरू गोविन्द सिंह राष्ट्रीय एकता पुरस्कार'' हेतु आवेदन-पत्र आगामी
30 सितम्बर 2019 तक आमंत्रित
- पुरस्कार स्वरूप एक लाख का नगद पुरस्कार तथा प्रशस्ति-पत्र दिया जायेगा
- मानवाधिकार, सामाजिक न्याय व राष्ट्रीय एकीकरण के क्षेत्र में सर्वोत्कृष्ट कार्य करने वाले पात्र होंगे
लखनऊ, 3 जुलाई। उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय एकीकरण विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 के लिए ''गुरू गोविन्द सिंह राष्ट्रीय एकता पुरस्कार'' हेतु आवेदन-पत्र 30 सितम्बर 2019 तक आमंत्रित किये गये हैं। सरकार द्वारा गुरू गोविन्द सिंह जी के जन्म दिवस (05 जनवरी) पर प्रदान किये जाने वाले इस पुरस्कार में विजेता को पुरस्कार स्वरूप एक लाख का नगद पुरस्कार तथा प्रशस्ति-पत्र दिया जायेगा।
यह जानकारी यहां राष्ट्रीय एकीकरण विभाग के विशेष सचिव, प्रांजल यादव ने दी। उन्होंने बताया कि ''गुरू गोविन्द सिंह राष्ट्रीय एकता पुरस्कार'' हेतु प्रस्ताव उपलब्ध कराये जाने के संबंध में समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को परिपत्र भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि पुरस्कार प्रदेश के निवासरत व्यक्तियों में से उसे दिया जाता है जिसने मानवाधिकारों की रक्षा, सामाजिक न्याय एवं राष्ट्रीय एकीकरण के क्षेत्र में सर्वोत्कृष्ट कार्य किया हो।
विशेष सचिव ने कहा कि इस पुरस्कार योजना के अधीन पूर्व में राज्य सरकार द्वारा पुरस्कृत व्यक्ति आवेदन के पात्र नहीं होंगे। आवेदनकर्ता भारत का मूल नागरिक हो, उत्तर प्रदेश राज्य की सीमा के भीतर पुरस्कार पर विचार किये जाने के वर्ष में सामान्यतया निवास करता रहा हो तथा मानवाधिकार, सामाजिक न्याय व राष्ट्रीय एकीकरण के क्षेत्र में उसका उत्कृष्ट योगदान रहा हो।
शासन द्वारा इस संबंध में जारी परिपत्र में मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों से कहा गया कि मण्डल/ जनपद से इस पुरस्कार के मापदण्डों को पूरा करने वाले पात्र आवेदनकर्ताओं के प्रस्ताव उनके द्वारा किये गये महत्वपूर्ण कार्यों का तथ्यात्मक विवरण एवं अभिलेखीय साक्ष्यों के साथ संलग्न प्रारूप में स्पष्ट आख्या एवं संस्तुति सहित शासन को प्रत्येक दशा में दिनांक 30 सिम्बर, 2019 तक चार प्रतियों में उपलब्ध करा दिये जायें।
जिन आवेदनकर्ताओं का प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया जा रहा है, उनके संबंध में जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक की संयुक्त आख्या में व्यापक जांच कर तथ्यात्मक विवरण अभिलेखीय साक्ष्यों सहित यह भी प्रमाण-पत्र अंकित किया जाय कि उनके विरूद्ध कोई आपराधिक मामला प्रचलित/लम्बित नहीं है और किसी भी अपराधिक मामले में किसी न्यायालय द्वारा उन्हें दण्डित नहीं किया गया है।