गाजियाबाद के शहीद श्रमिकों को न्याय दिया जाये : भाकपा
लखनऊ, 23 अगस्त। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उत्तर प्रदेश राज्य सचिव मण्डल ने कल गाजियाबाद में सीवर लाइन के होल में हुयी 5 श्रमिकों की मौत पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है। पार्टी ने उन्हें श्रध्दांजलि अर्पित करते हुये उनके शोकाकुल परिवारों के प्रति संपूर्ण सहानुभूति व्यक्त की है।
भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहाकि इन श्रमिकों से जोखिम भरा काम समुचित सुरक्षा उपकरणों के बिना लिया जारहा था जो उनकी जानलेवा साबित हुआ। इसकी ज़िम्मेदारी निर्धारित की जानी चाहिये। क्या इसके लिये गाजियाबाद नगर निगम, जल निगम और उत्तर प्रदेश की सरकार जिम्मेदार नहीं। क्या आए दिन देश भर में होने वाली इस तरह की दर्दनाक घटनाओं के लिये केन्द्रीय प्रबंधतन्त्र जिम्मेदार नहीं। निश्चय ही इन सब की ज़िम्मेदारी बनती है। लेकिन समूची व्यवस्था दो चार दिन कुछ कार्यवाही का नाटक कर सुप्तावस्था में चली जाती है और फिर कुछ दिनों बाद एक और दर्दनाक घटना घट जाती है।
इस व्यवस्था में तब तक सुधार नहीं हो सकता जब तक इनके बारे में मानसिकता में बदलाव नहीं होगा। सारी व्यवस्था उन्हें सफाई कर्मी, मजदूर अथवा मजबूर समझती है और उनकी जिंदगियों से खिलबाड़ करती है। जबकि वे असल जिन्दगी के हीरो हैं। उनके बिना स्वच्छ जीवन और समुचित विकास की कल्पना नहीं की जासकती। डा. गिरीश ने सवाल किया कि कुंभ मेले में अनुसूचितों के चरण धोने वाले मोदी जी क्या इन गंभीर घटनाओं का संज्ञान लेंगे और उनके परिवारों को न्याय दिलायेंगे? क्या वे अपने अधीन व्यवस्थापकों से ऐसी गारंटी लेंगे कि भविष्य में ऐसी दु:खद घटना न हो।
भाकपा मांग करती है कि प्रत्येक मृतक के आश्रित को रुपये 50 लाख मुआबजा दिया जाये। इस मांग के पीछे हमारा ठोस तर्क है। वे ऑन ड्यूटी थे। और गत दिनों ऑन ड्यूटी सँभल में शहीद हुये पुलिसकर्मियों को वांछित पावनाओं के अतिरिक्त 50 लाख का मुआबजा दिया गया था। वे भी रियल लाइफ के हीरो थे और ये भी रियल लाइफ के हीरो हैं।