- उत्तर प्रदेश के सिंचाईमंत्री ने केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण केन्द्र का किया आकस्मिक निरीक्षण
- प्रदेश से बाहर की नदियों के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों में बढाये चैकसी
-केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष को बनाया जाये हाईटेक : धर्मपाल सिंह
लखनऊ, 19 अगस्त। प्रदेश के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह (सिंचाई यांत्रिक, लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल) ने शाम 6 बजे परिकल्प भवन स्थित केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण केन्द्र का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि इस केन्द्र को माडल, हाईटेक तकनीकी से जोड़ा जाये जिससे प्रदेश की सभी नदियों की अद्यतन स्थिति की आनलाइन माॅनिटरिंग कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये जा सकें।
बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सिंचाई मंत्री ने निर्देशित किया कि बाढ़ से संबंधित सभी अधिकारियों/कर्मचारियों की छुटिटयां आगामी आदेश तक निरस्त की जाती है। श्री सिंह ने अधिकारियों को हिदायत दी कि वे बाढ़ की स्थित से युद्ध स्तर पर निपटने के लिए सजक और सतर्क रहे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मार्ग दर्शन में बाढ़ व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रण में है अभी तक कही भी जन धन हानि नहीं हुई है। सिंचाई मंत्री ने कहा कि प्रदेश की बाहर की नदियां के बढते जल स्तर को देखते हुए बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेंत्रो को सचेत कर दिया जाये जिससे बाढ़ का कोई दुष्प्रभाव न हो सके।
प्रमुख अभियन्ता/विभागाध्यक्ष अनूप कुमार श्रीवास्तव ने सिंचाई मंत्री को अवगत कराया कि गत दिनों हथिनी कुंभ बैराज से 828072 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जिसको दृष्टिगत रखते हुए सहारनपुर, शामली, बागपत आदि जनपदों में सजगता और चैकसी बरती जा रही है। श्री श्रीवास्तव ने बताया कि यह पानी ओखला बैराज से सुगमता पूर्वक पास हो सके इसके लिए पूर्ण प्रबंध किये गये है। विभागाध्यक्ष ने बताया कि कोटा बैराज से 4 लाख 84 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था वह सुगमता पूर्वक पास हो रहा है। उन्होंने बताया कि माता टीला डैम के पानी को भी सुगमता पूर्वक संचालित किया गया।
सिंचाई मंत्री ने सिंचाई विभाग द्वारा किये गये बाढ़, बचाव कार्यो पर संतोष व्यक्त किया। मुख्य अभियन्ता ए0के0 सिंह ने बताया कि बाढ़ ग्रस्त 48 नियंत्रण कक्ष स्थापित है जिन का संपर्क इस केन्द्रीय नियंत्रण केन्द्र से है। सिंचाई मंत्री ने नियंत्रण कक्ष में रखे एलार्ट सिस्टम व वार्लेस प्रणाली का भी अवलोकन किया। निरीक्षण के समय सभी संबंधित अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे। सिंचाई मंत्री ने विभिन्न नदियों के जल स्तर की अद्यतन स्थिति की आनलाइन समीक्षा की।