- डा. महेन्द्र सिंह ने की बुन्देलखण्ड एवं विन्ध्य क्षेत्र की ग्रामीण पेयजल योजना की समीक्षा
- 5 साल की गारण्टी लेने वाली कम्पनी को पेयजल परियोजना का काम दिया जाये : डा. महेन्द्र सिंह
लखनऊ, 29 अगस्त। उप्र के जल शक्ति मंत्री डा. महेन्द्र सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि बुन्देलखण्ड एवं विन्ध्य क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों की जनता को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए भविष्य को ध्यान में रखकर परियोजनाएं बनायी जायें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि भविष्य में लम्बे समय तक चलने वाली परियोजनाओं की विस्तृत कार्य योजना बनाकर प्रस्तुत करें। डा. सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बुन्देलखण्ड एवं विन्ध्य क्षेत्र में पेयजल परियोजनाओं पर काम करने वाली कार्यदायी संस्थाओं की जिम्मेदारी तय करें। उन्होंने कहा कि कम से कम 5 साल की गारण्टी लेने वाली कम्पनियों को ही काम दिया जायें।
जलशक्ति मंत्री डा. महेन्द्र सिंह आज माल ऐब्न्यू स्थिति जल निगम कार्यालय के सभाकक्ष में बुन्देलखण्ड एवं विन्ध्य क्षेत्रों में आपूर्ति हेतु ग्रामीण पेयजल योजना की समीक्षा कर रहे थे। डा. सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बुन्देलखण्ड एवं विन्ध्य क्षेत्र के ग्रामीण पेयजल परियोजना को चलाने एवं मेंटीनेंस की जिम्मेदारी संबंधित कम्पनियों की होगी। उन्होंने कहा कि वाटर पाइप लाइन एवं ट्यूवेल के देख-भाल एवं मेंटीनेंस की जिम्मेदारी भी 5 साल तक के लिए संबंधित कम्पनी को ही करना होगा। डा. सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि पेयजल से संबंधित परियोजना पर काम करने वाली कम्पनियों की माॅनीटरिंग की व्यवस्था भी सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि मौके पर जाकर निरीक्षण करना भी अधिकारी की जिम्मेदारी होगी।
बैठक में राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, मुख्यमंत्री के सलाहकार के.बी. राजू, प्रबन्ध निदेशक तथा संबंधित मुख्य अभियन्ता उपस्थित थे।