- मिलावट का धंधा करने वालों की संपत्तियां जब्त करें, इनपर एनएसए लगाकर जेल भेजें
- मिलावट को रोकने के लिए तकनीक का भी सहारा लेने का दिया निर्देश
लखनऊ। आबकारी विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को मदिरा की मिलावट पर बेहद सख्त नजर आए। उन्होंने निर्देश दिया है कि बाराबंकी जैसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। इस तरह की हर घटना के तह में जाएं, कौन लोग कर रहे हैं, कब से कर रहे हैं, इसका पूरा पता करवाएं। इसमें संलिप्त लोगों का राजनीतिक संबंध या संरक्षण हो, तो उसे भी तलाशें। यह भी देखें कि क्या ये सिर्फ मुनाफे के लिए कर रहे हैं या उनकी मंशा सरकार को बदनाम करने और अव्यवस्था फैलाने की साजिश है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि जहर का कारोबार कर लोगों की जिंदगी को बर्बाद करने वालों के खिलाफ स्थानीय प्रशासन, पुलिस और आबकारी विभाग आपस में तालमेल बनाकर प्रभावी अभियान चलाए। अगर जरूरत हो, तो इनकी संपत्तियां जब्त करें, इनपर एनएसए लगाकर जेल भेज दें। अवैध शराब जहां बन रही है, पुलिस थाना क्षेत्र को जवाबदेह बनाया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि शराब की हर दुकान की जांच होनी चाहिए, इसकी जवाबदेही पुलिस थाना स्तर पर तय की जाए। उन्होंने कहा कि मिलवाट रोकने में तकनीक की प्रभावी भूमिका हो सकती है, इसका प्रयोग करें। हर शराब की दुकान पर पीओएस मशीन जितना जल्दी संभव हो लगाया जाए। शराब की दुकानें सार्वजनिक स्थलों पर नहीं होनी चाहिए। इसे लेकर आबकारी विभाग खुद जांच कराए और सुनिश्चित करे कि तय दूरी के मानक का अनुपालन हो रह है कि नहीं। योगी ने निर्देश दिया है कि पैट्रोलियम मंत्रालय के साथ बैठकर शीरे के मुददे को सुलझाया जाए।
समीक्षा बैठक में आबकारी मंत्री जयप्रताप सिंह, मुख्य सचिव अनूप चंद्र पाण्डेय, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, विभागीय प्रमुख सचिव कल्पना अवस्थी, अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी भी मौजूद थे।