योजनाबद्ध तरीके से रोकेंगे बाढ़ : मुख्यमंत्री योगी
योजनाबद्ध तरीके से रोकेंगे बाढ़ : मुख्यमंत्री योगी

 

- बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां सुनिश्चित

 

- सभी तैयारियां 15 जून तक हर हाल में पूरी कर ली जाएं

 

जिलाधिकारी बाढ़ से रोकथाम के लिए कार्ययोजना बनाकर कार्य करें

लखनऊ, 29 मई।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर बाढ़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि बाढ़ की दृष्टि से अति संवेदनशील (24) एवं संवेदनशील (16) जनपदों में योजनाबद्ध तरीके से बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने निर्देश दिये कि यह सभी तैयारियां 15 जून, 2019 तक हर हाल में पूरी कर ली जाएं। उन्होंने बाढ़ के दौरान नदियों से होने वाली कटान का उल्लेख करते हुए कहा कि बाढ़ प्रभावित जनपदों में कटान स्थलों को चिन्हित कर इससे बचाव की कार्रवाई की जाए, ताकि जनधन की हानि न हो।
मुख्यमंत्री जी ने बाढ़ के प्रति संवेदनशील तथा अति संवेदनशील जनपदों के जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने जनपदों के सम्भावित क्षेत्रों का दौरा करें और बाढ़ से रोकथाम के लिए कार्ययोजना बनाकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि ड्रेजिंग, नदी की धारा को आवश्यकतानुसार मोड़ने और चैनलाइज़ेशन के माध्यम से बाढ़ के प्रकोप को कम किया जा सकता है। उन्होंने घाघरा नदी पर निर्मित एल्गिन चरसड़ी बांध का उदाहरण देते हुए कहा कि ड्रेजिंग और चैनलाइज़ेशन के माध्यम से पिछले वर्ष इस क्षेत्र में बाढ़ का कम प्रकोप हुआ और कम जनहानि हुई। उन्होंने कहा कि ड्रेजिंग और चैनलाइज़ेशन के माध्यम से कम लागत में बाढ़ नियंत्रण हेतु प्रभावी कार्य किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाढ़ पूर्व तैयारियों के तहत संवेदनशील तथा अति संवेदनशील जनपदों में नौकाओं की पर्याप्त संख्या में उपलब्धता अभी से सुनिश्चित कर ली जाए। उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को राहत देने की सभी तैयारियां अभी से कर ली जाएं, ताकि बाढ़ पीड़ितों को समय से राहत मिल सके। उन्होंने राहत आयुक्त तथा एस0डी0एम0ए0 को तालमेल बनाकर बाढ़ राहत कार्याें को करने के निर्देश दिए। 
मुख्यमंत्री जी ने बाढ़ की स्थिति में पशुओं के लिए चारे, भूसे इत्यादि की पर्याप्त व्यवस्था जनपदों में स्थापित गो-आश्रय स्थलों पर अभी से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि बाढ़ के प्रति संवेदनशील तथा अति संवेदनशील जनपदों के जिलाधिकारी बाढ़ से निपटने के लिए योजना बनाकर कार्य करें, ताकि जनधन इत्यादि की हानि को न्यूनतम किया जा सके।
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री जी के समक्ष सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव श्री टी0 वेंकटेश तथा उच्चाधिकारियों द्वारा बाढ़ पूर्व तैयारियों के सम्बन्ध में विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया गया। मुख्यमंत्री जी को प्रदेश के अति संवेदनशील तटबन्धों के विषय में जानकारी दी गयी तथा इनके सुदृढ़ीकरण के सम्बन्ध में उठाये जा रहे कदमों के विषय में भी अवगत कराया गया। सिंचाई विभाग द्वारा बाढ़ नियंत्रण हेतु उठाये जा रहे कदमों के विषय में भी विस्तृत जानकारी दी गयी और चल रही योजनाओं की लक्षित समयसारिणी के विषय में भी अवगत कराया गया।
मुख्यमंत्री जी को बैठक के दौरान संवेदनशील तटबन्धों के चिन्हीकरण, तटबन्धों एवं रेगुलेटर्स की मरम्मत व गेटों की आॅयलिंग, वायरलेस केन्द्रों एवं बाढ़ नियंत्रण कक्षों की स्थापना, तटबन्धों के क्षतिग्रस्त भागों की मरम्मत एवं सुदृढ़ीकरण, अन्तर्राज्यीय बाढ़ समस्याओं के सम्बन्ध में विचार-विमर्श हेतु बैठक तथा सभी संवेदनशील बाढ़ परियोजनाओं में न्यूनतम सुरक्षित स्तर तक कार्य पूर्ण करने के विषय में भी अवगत कराया गया। उन्हें लखनऊ में स्थापित केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के विषय में भी अवगत कराया गया।
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री जी को बाढ़ सुरक्षात्मक उपायों के विषय में विस्तार से जानकारी दी गयी। उन्हें अन्य विभागों एवं एजेंसियों द्वारा किये गये प्रबन्धन के विषय में भी अवगत कराया गया, जिनमें राहत, एन0डी0आर0एफ0, गृह, पुलिस, राजस्व, कृषि, पशुपालन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, भारतीय मौसम विभाग, केन्द्रीय जल आयोग तथा रिमोट सेन्सिंग शामिल हैं।
बैठक के दौरान सिंचाई मंत्री श्री धर्मपाल सिंह, बाढ़ नियंत्रण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह, मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणुका कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, संवेदनशील तथा अति संवेदनशील जनपदों के जिलाधिकारीगण सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।