पूर्व डीजीपी ने 1984 सिख दंगों को बताया नरसंहार



- पूर्व डीजीपी ने 1984 सिख दंगों को बताया नरसंहार









- लोगों से मिली खूब प्रतिक्रियाएं


- उत्‍तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने शनिवार को सिख दंगों को लेकर फेसबुक पर लिखा था पोस्‍ट






लखनऊ, 12 मई। लोकसभा चुनाव 2019 के पांंचवे चरण के ठीक पहले उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने 1984 के सिख दंगों को राजीव गांधी के आदेश पर किया गया सुनियोजित नरसंहार बताया है। पूूू्र्व डीजीप अपने फेसबुक वाल पर यह पोस्ट लिखा है, जिस पर लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं।
पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह द्वारा शनिवार को किया गया फेसबुक पोस्ट वायरल हो रहा है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा है कि वर्ष 1984 में सिखों के खिलाफ हुई मारकाट कोई दंगा नहीं था। दंगा दोनों तरफ से मारकाट को कहते हैं। यह राजीव गांधी के आदेश पर उनके चुने हुए विश्वासपात्र कांग्रेसी नेताओं द्वारा खुद खड़े होकर कराया गया नरसंहार था।
पूर्व आईपीएस श्री सुलखान सिंह ने अपने फेसबुक पोस्ट में इस बात का भी जिक्र किया है कि जिस दिन इंदिरा गांधी की हत्या हुई थी, उस दिन वह पंजाब मेल से वाराणसी जा रहे थे। अमेठी से ट्रेन में सवार हुए एक यात्री ने सूचना दी कि इंदिरा गांधी की हत्या हो गई है। उन्होंने लिखा कि इंदिरा जी की हत्या के अगले दिन तक वाराणसी में कुछ नहीं हुआ। उसके बाद योजनाबद्ध तरीके से घटनाएं हुईं। अगर जनता का गुस्सा होता तो वह तुरंत शुरू हो जाता। बकायदे योजना बनाकर नरसंहार किया गया।

पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह के इस पोस्ट पर बड़ी तादाद में लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दिए हैं। ऐसे ही एक शख्‍स अरुण कुमार गोयल लिखते हैं कि आपके इस पोस्ट से सहमत हूं, लेकिन बिना 2002 के गुजरात दंगों के जिक्र के यह पूरा नहीं होता। इसके जवाब में सुलखान सिंह ने कहा कि गुजरात में दंगा था, जहां दोनों तरफ के लोग मारे गए थे।

इसी क्रम में एक अन्य व्‍यक्ति त्रिभुवन नाथ सिंह ने लिखा है कि आप तो प्रत्यक्षदर्शी की तरह वर्णन कर रहे हैं, जबकि उस समय आप बनारस में थे। अन्य स्थानों पर जो घटनाएं हुईं, उसे भी राजीव गांधी के आदेश पर किया गया?' उन्हें जवाब देते हुए सुलखान सिंह ने लिखा है कि जी, पूरी तैयारी के साथ अगले दिन वारदात की गईं। जहां पुलिस सख्त रही वहां मौतें नहीं हुईं।