महिला उत्पीड़न की घटनाओं पर राज्य महिला आयोग अध्यक्ष विमला बाथम ने स्वतः संज्ञान लिया


- संबंधित डीएम व एसएसपी से कार्यवाही की आख्या मांगी 


लखनऊ। उ.प्र. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती विमला बाथम द्वारा प्रदेश में महिला उत्पीड़न की गम्भीर घटनाओं पर रोकथाम और पीड़ित महिलाओं को त्वरित न्याय दिलाये जाने के उद्देश्य से बुधवार को मीडिया के माध्यम से घटनाओं का स्वतः संज्ञान लिया। उन्होंने सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजते हुए कृत कार्यवाही की आख्या मांगी।


आयोग द्वारा जारी विज्ञप्ति में अध्यक्ष श्रीमती बाथम ने जनपद लखनऊ के ’’इलाज के लिए घंटों तड़पी नर्स, निजी अस्पताल में भर्ती’’ विषयक प्रकाशित घटना का संज्ञान लिया और कुलपति के.जी.एम.यू. लखनऊ को पत्र प्रेषित कर तत्काल आख्या मंगायी।


   जनपद बाराबंकी के ’’बाराबंकी में छेड़खानी से क्षुब्ध किशोरी ने जान दी’’ विषयक प्रकाशित घटना का संज्ञान लेते हुये उन्होंने पुलिस अधीक्षक बाराबंकी को पत्र प्रेषित कर तत्काल आख्या मंगी।


इसके अलावा तीसरी घटना में जनपद सुल्तानपुर के ’’ससुराल पहुंचकर पत्नी का काटा सिर’’ विषयक प्रकाशित घटना का संज्ञान लिया और पुलिस अधीक्षक सुल्तानपुर को पत्र प्रेषित कर तत्काल आख्या मंगी।


   इसके साथ ही जनपद रायबरेली के ’’पांच साल की बच्ची से रेप, केस दर्ज’’ व ’’रायबरेली में पिता ने पुत्री से किया दुराचार’’ विषयक प्रकाशित घटना का संज्ञान लेते हुये पुलिस अधीक्षक रायबरेली को पत्र प्रेषित कर तत्काल आख्या मंगी।


 जनपद आगरा के ’’दंबगों ने दलित महिला का शव दाह संस्कार करने से रोका’’ विषयक प्रसारित घटना का संज्ञान लेते हुये जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक आगरा को पत्र प्रेषित कर तत्काल आख्या मंगी।


    जनपद फर्रूखाबाद के ’’दबंग युवक कई दिनों से नर्स से कर रहे थे छेड़छेड़’’ विषयक प्रसारित घटना का संज्ञान लेते हुये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक फर्रूखाबाद को पत्र प्रेषित कर तत्काल आख्या मंगी।


  इसी क्रम में जनपद मेरठ के ’’महिला व उसकी बेटी को उतारा मौत के घाट’’ विषयक प्रसारित घटना का संज्ञान लेते हुये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मेरठ को पत्र प्रेषित कर तत्काल आख्या मंगी।