- पैदल यात्रा ना करें, सभी को यूपी लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है : मुख्यमंत्री योगी
- सीएम योगी ने गैर प्रदेश में रहने वाले यूपी के लोगों से की भावनात्मक अपील
- गुरूवार को 100 बसें मध्य प्रदेश से 3000 लोगों को लेकर निकलीं
- एमपी के बाद गुजरात, उत्तराखंड और राजस्थान से लाने की कवायद
- दिल्ली, नोएडा और अलीगढ़ से भी शिक्षार्थियों को लाने का निर्देश
- प्रदेश में अब तक 2203 केस, कोरोना से 39 लोगों की मौत
- प्रदेश के 60 जनपद कोरोना से प्रभावित
- कोरोना वायरस के संबंध में अपर मुख्य सचिव, गृह ने लोकभवन में की प्रेस कॉन्फ्रेंस
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर कोरोना वायरस के बचाव के लिए बड़ा कदम उठाया है। सीएम योगी ने देश के विभिन्न राज्यों में रहने वाले यूपी के श्रमिकों से पैदल यात्रा नहीं करने की भावुक अपील करते हुए कहा कि यूपी सरकार सभी की सुरक्षित वापसी के लिए राज्य सरकारों से वार्ता कर कार्ययोजना बना रही है। साथ ही अब कोटा, हरियाणा, प्रयागराज के बाद मध्यप्रदेश में रहने वाले श्रमिकों व कामगारों को यूपी लाने की कवायद भी शुरू कर दी गई है। इसके बाद गुजरात और राजस्थान में रहने वाले यूपी के श्रमिकों को लाने की योजना है। इतना ही नहीं दिल्ली, नोएडा और अलीगढ़ में अध्ययनरत छात्रों को भी वापस लाने की तैयारी की जा रही है।
उक्त जानकारी गुरूवार को यहां लोकभवन में कोरोना वायरस के संबंध में की गई प्रेस कांफ्रेंस में अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने पत्रकारों को दी। अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-11 के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अन्य प्रदेशों में रहने वाले कामगारों, श्रमिकों और शिक्षार्थियों की चिंता की है। ऐसे लोगों की सुरक्षा का निर्देश सीएम योगी द्वारा हमेशा ही दिया जाता रहा है। सीएम योगी के निर्देशन में पहले भी दिल्ली बार्डर से यूपी के 4 लाख लोगों को लाया गया। इसके बाद कोटा से 15 हजार बच्चों को लाया गया। हरियाणा से 12 हजार श्रमिकों व कामगारों को सकुशल यूपी लाया गया है। इतना ही प्रयागराज में शिक्षारत छात्रों को उनके गृह जनपद भेजा गया।
उन्होंने बताया कि इन सबके बाद अब गुरूवार को मध्यप्रदेश से 100 बसें 3 हजार लोगों को लेकर यूपी के लिए रवाना कर दी गई हैं। इसके साथ ही यूपी से भी 40 बसों से एमपी के लोगों को भेजा गया है। एमपी से आने वाली बसें झांसी व प्रयागराज आएंगी। सीएम योगी ने गुजरात, उत्तराखंड व राजस्थान से भी श्रमिकों को जल्द से जल्द लाने का आदेश दिया है। इस आदेश पर कार्ययोजना बननी भी शुरू हो गई है। संभवत: दो से तीन दिनों में आने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने विशेष रूप से इस बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि उन्हीं लोगों की वापसी संभव होगी, जिनका स्वास्थ्य परिक्षण किया गया है। इसीलिए जिन्हें भी यूपी वापस आने की मंशा है, वो शीघ्र ही अपने प्रदेश व जिले के क्वारंटीन सेंटर में रिपोर्ट करें और अपना स्वास्थ्य परिक्षण कराकर नाम, पता, मोबाइल नंबर आदि जानकारी दर्ज करा दें। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिना स्वास्थ्य परिक्षण के किसी का भी वापस आना मुश्किल होगा।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोटा और प्रयागराज के बाद दिल्ली, नोएडा और अलीगढ़ में अध्ययनरत शिक्षार्थियों को यूपी लाने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए नोएडा व अलीगढ़ के डीएम व एसएसपी को आदेश दिया गया है कि वो अपने यहां शिक्षार्थियों को उनके गृह जनपद भेजने की व्यवस्था करें। उन्होंने बताया कि दिल्ली से छात्रों को लाने के लिए दिल्ली सरकार से संपर्क करने का आदेश दिया गया है। दिल्ली सरकार से ऐसे छात्रों की सूची लेने व उनका स्वास्थ्य परिक्षण कराकर वापस भेजने पर शीघ्र बातचीत होगी।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस के संक्रमण से उपचार के लिए भी बड़ा कदम उठाया है। सीएम योगी ने प्रदेश में एल-1, एल-2, एल-3 अस्पतालों में 52 हजार अतिरिक्त बेड बढ़ाने का आदेश पहले ही दिया है। अब इस संख्या को एक लाख तक कैसे बढ़ाया जा सकता है? इसके लिए कार्ययोजना बनाने का भी निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि देश भर में सबसे अधिक क्षमता वाले क्वारंटीन सेंटर यूपी में हैं। वर्तमान में यूपी के क्वारंटीन सेंटरों की क्षमता 7 लाख है, इसे सीएम योगी ने अब 10 लाख तक करने का निर्देश दिया है। इसके लिए प्रदेश के बड़े शैक्षिक संस्थानों जैसे कॉलेज, विश्वविद्यालय को क्वारंटीन सेंटर बनाने का निर्देश दिया है।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि जो भी निजी चिकित्सालय कोरोना संक्रमण का इलाज करने में सक्षम हों उन्हें शीघ्र स्वीकृति दी जाए। जिन अस्पतालों में आपातकालीन सेवा शुरू कर दी गई या शुरू की जा रही है, उसकी सूची सार्वजनिक की जाए। सीएम आदित्यनाथ ने पोर्टेबल वेंटिलेटर, इंफ्रारेट थर्मामीटर को कोविड फंड से अतिशीघ्र खरीदे जाने का निर्देश दिया है।
प्रदेश में अब तक 2203 केस, 39 लोगों की कोरोना से मौत : अपर मुख्य सचिव गृह
अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश अवस्थी ने कहा कि प्रदेश में अबतक 2203 केस सामने आए हैं। जिनमें 1651 एक्टिव केस हैं। उपचार के बाद 2203 में से 513 पेशेंट पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं और उन्हें घर भेज दिया गया है। हालांकि कोरोना के कारण प्रदेश में 39 लोगों की मौत हुई है। प्रदेश के 60 जनपद कोरोना से प्रभावित हुए हैं। जिनमें से 6 जिले वर्तमान में कोरोना से मुक्त होने में सफल हुए हैं। उन्होंने बताया कि बुधवार को 3823 कोरोना के सैंपल भेज गए थे, जिसमें पिछले सैंपलों सहित 4795 सैंपलों की टेस्टिंग की गई।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि अब प्रतिदिन 3 से 6 प्रतिशत ही कोरोना संक्रमण का ग्रोथ रेट रह गया है। उन्होंने बताया कि यूपी में कोरोना से मृत्यु दर भी प्रति 10 लाख की जनसंख्या के हिसाब से अन्य प्रदेशों के अपेक्षा बहुत कम है। उन्होंने बताया कि बुधवार को 2252 सैंपलों को मिलाकर 520 पूल टेस्ट किया गया। जिसमें 14 सैंपल पॉजिटीव मिले। जिन्हें आइसोलेट कर दिया गया है।