बरेली में मजदूरों-बच्चों पर छिड़काव करने के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो : माले
- गाजीपुर में महिलाओं-बच्चों पर लाठियां बरसाने वाले पुलिसकर्मी दंडित किये जायें : माले

 

लखनऊ। भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने कहा है कि बरेली में अन्य शहरों से घर वापस लौट रहे मजदूर परिवारों पर कीटनाशक का छिड़काव करने के जिम्मेदार प्रशासन के लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

पार्टी राज्य सचिव सुधाकर यादव ने जारी बयान में कहा कि कोरोना वायरस से बचाव के नाम पर मजदूरों के साथ इस तरह का बर्ताव उनके प्रति प्रशासनिक असंवेदनशीलता का परिचायक है। मजदूरों के परिवार में छोटे बच्चे भी थे। उनका भी ख्याल नहीं किया गया। यह उन्हें मनुष्य नहीं समझने की मानसिकता है जो उनके साथ अमानवीय तरीके से पेश आने को प्रेरित करती है। ऐसा करने वाले कर्मियों की अज्ञानता बताकर इस कृत्य पर लीपापोती करने के बजाय दोषियों के खिलाफ सरकार द्वारा त्वरित कार्रवाई की जानी चाहिए। 

 

इस बीच, गाजीपुर जिले में जमानिया थानांतर्गत बरेसर गांव में 29 मार्च की रात गरीब मुसहर (एससी) लोगों के घर में बिना महिला पुलिस के घुसकर कोतवाल के नेतृत्व में महिलाओं-बच्चों की बर्बर पिटाई करने की माले राज्य सचिव ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने निहत्थी महिलाओं व बच्चों पर सोते समय लाठियां बरसाने वाले जमानिया कोतवाल व पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की। 

 

घटना का विवरण देते हुए उन्होंने कहा कि मुसहर लोग अत्यंत गरीब लोग हैं, जिनके पास शौचालय तक नहीं है और नित्य क्रिया के लिए उन्हें गांव के नहर किनारे जाना पड़ता है। पुलिस लॉकडाउन के दौरान गश्त करते हुए विरोधी की एक शिकायत पर बिना जांच-पड़ताल किये रात में पहुंची थी। सुकरा देवी जो महिला संगठन एपवा की जिला उपाध्यक्ष हैं और उनकी बेटी घर में थीं। घर पर कोई पुरूष सदस्य नहीं था। कोतवाल राजीव कुमार सिंह अपने दलबल के साथ पहुंचे। उनकेे साथ कोई महिला पुलिसकर्मी नहीं थी। पुलिस के लोग बगल के घर का दरवाजा खोलवा कर छत पर चढ़ गये। 

 

ऊपर सो रही महिलाओं-बच्चों को जातिसूचक व गंदी-गंदी गालियां देते हुए मारने-पीटने लगे और उन्हें लहुलुहान कर दिया। चिख-पुकार सुनकर पडो़सी बीच-बचाव करने आये तो उन्हें भी लाठी-डंडों से पीटा गया। जब मुहल्ले के लोग दौड़कर आये तब पुलिसवाले फर्जी मुकदमें मे फंसाने की धमकी देकर चले गये। पुलिस की मार से भीम वनवासी का लड़का भगेलू (12 साल) बेहोश हो गया। छत खून से लहूलुहान हो गई। सुजीत कुमार (14 साल, अखिलेश (15 साल), बकुली, मिरजा देवी को हाथ, पैर, सिर, अंगुली और पैर में चोटें आईं।

 

उन्होंने कहा कि उक्त घटना पर माले की जिला इकाई ने भी गाजीपुर के जिलाधिकारी को सोमवार को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की है।