लखनऊ, 14 नवम्बर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज जनपद लखीमपुर खीरी में चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर के अधीन जमुनाबाद के कृषि महाविद्यालय (कैम्पस) के प्रथम फेज व प्रशासनिक भवन का लोकार्पण तथा कृषि विज्ञान केन्द्र जमुनाबाद के प्रशासनिक भवन का शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने फसल अवशेष प्रबन्धन योजना के अन्तर्गत जनपद के 05 किसानों अरविन्द कुमार सिंह, अमित कुमार वर्मा, सरदार मंगा सिंह, अनुपम बाजपेई और लवजीत सिंह को टैक्टर की प्रतीकात्मक चाभी सौंपी।
मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि लखीमपुर खीरी क्षेत्रफल की दृष्टि से प्रदेश का सबसे बड़ा जनपद है। यहां के किसानों को नवीनतम तकनीक, उन्नत बीज तथा उनकी फसल के विक्रय के लिए बाजार चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने बाबा गोला गोकर्णनाथ के प्रसिद्ध तीर्थ को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इसे रोजगार के साथ भी जोड़ा जाए। उन्होंने जनपद के 03 वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम बनाने के लिए प्रस्ताव शीघ्र भेजने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए। इससे इन गांवों का समुचित विकास किया जा सकेगा। उन्होंने किसानों से सिंचाई की आधुनिक तकनीक, उन्नत बीज तथा अन्य नवीनतम कृषि तकनीकों को अपनाकर प्रति हेक्टेयर अधिक से अधिक गन्ना उत्पादन करने का आह्वान किया। इससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र किसानों को तकनीकी जानकारी देने की इकाई है। खीरी में पूर्व से ही एक कृषि विज्ञान केन्द्र कार्यरत था, किन्तु उसकी भी हालत अत्यन्त दयनीय थी। जनपद की आवश्यकता के दृष्टिगत 02 कृषि विज्ञान केन्द्र और 01 कृषि महाविद्यालय यहां के किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होंगे। पूर्ववर्ती सरकारों में किसान सरकार के एजेण्डे में नहीं होते थे, किन्तु वर्ष 2014 में बनी केन्द्र सरकार ने प्रारम्भ में ही स्पष्ट कर दिया था कि गांव, किसान और नौजवान उनके एजेण्डे में सबसे ऊपर हैं।
मुख्यमंत्री जी ने गन्ना मूल्य बकाया भुगतान के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए कहा कि जनपद की 09 में 05 चीनी मिलों ने अपना गन्ना मूल्य भुगतान किसानों को कर दिया है तथा शेष 04 गन्ना मिलों से अतिशीघ्र गन्ना मूल्य बकाया भुगतान कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनपद महराजगंज में एक चीनी मिल द्वारा किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान न करने पर उनकी नीलामी कर किसानों का भुगतान कराया गया। किसानों की उपज की खरीद की समुचित व्यवस्था के सम्बन्ध में प्रदेश में 5000 क्रय केन्द्र स्थापित किए गए हैं तथा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसानों को तौली गई उनकी उपज का भुगतान 72 घण्टे में आरटीजीएस के माध्यम से करा दिया जाए।
कार्यक्रम में कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मुख्यमंत्री जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार किसानों के हित के लिए अनवरत कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार द्वारा गत वर्षों में प्रदेश के विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों में नए संकाय खोले गए हैं। साथ ही, कृषि शिक्षा पर 200 करोड़ ₹ व्यय किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पशुओं की नस्ल सुधार हेतु निरन्तर प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा, किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद पर भारी अनुदान दिया जा रहा है। कार्यक्रम को सांसद खीरी अजय मिश्र टेनी व विधायक अरविन्द गिरि ने भी सम्बोधित किया।
इसके उपरान्त, मुख्यमंत्री जी ने कृषि महाविद्यालय परिसर की पंचवटी में पीपल का पौधा रोपित किया। मुख्यमंत्री जी ने महाविद्यालय परिसर में लगे विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टाॅलों का भी अवलोकन किया। उन्होंने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय गोला की छात्रा को स्वेटर प्रदान किया। उन्होंने कु. कोमल और कु. प्राची का अन्नप्राशन किया तथा गर्भवती महिलाओं की गोदभराई कर पोषाहार किट भी भेंट की। इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, कृषक तथा अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।