देशी व विदेशी कॉस्मेटिक का उपयोग कई गुना बढ़ा है : डा. अनिता भटनागर

लखनऊ। गत कुछ समय में सौन्दर्य प्रसाधनों (कॉस्मेटिक) की संख्या में बढ़ोत्तरी व उपयोग में कई गुना वृद्धि हुई है। ये कॉस्मेटिक्स देश में निर्मित व विदेशों से आयातित दोनों प्रकार के हैं। डॉ. अनिता भटनागर जैन अपर मुख्य सचिव, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि विगत कुछ माहों से विभाग द्वारा प्रत्येक माह औषधि में जो सैम्पल लिये जाते हैं, उनमें से कुछ अनुपात कॉस्मेटिक्स उत्पाद के सैम्पिल लेने के लिये भी निर्देश दिये गये हैं।
इस परिप्रेक्ष्य में यह पाया गया कि 44 सामान्य उपयोग के कॉस्मेटिक के मानक ब्यूरो व इण्डियन स्टैण्डर्ड के द्वारा परिभाषित नहीं हैं, जबकि ड्रग व कॉस्मेटिक नियमावली के 150(ए) शिड्यूल 5 के तहत यह प्राविधानित है कि समय-समय पर कॉस्मेटिक के फिनिस्ड उत्पाद के लिये इण्डियन स्टैण्डर्ड (आई.एस.) मानक निर्धारित किया जाना है। इस सम्बन्ध में महानिदेशक, भारतीय मानक ब्यूरो, नई दिल्ली से विभाग द्वारा अनुरोध किया गया। प्रदेश के अनुरोध के परिप्रेक्ष्य में ब्यूरों व इण्डियन स्टैण्डर्ड द्वारा पीसीडी -19 नामक समिति की बैठक में इस एजेण्डा को सम्मिलित किया गया।
उक्त बैठक में डॉ. अनिता भटनागर जैन अपर मुख्य सचिव, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन द्वारा इन सभी 44 कॉस्मेटिक्स उत्पादों के सम्बन्ध में उत्पादवार कलस्टर बनाकर सिक्योरिटी व परफॉर्मेन्स स्टैण्डर्ड मानक समयबद्ध रूप से बनाने हेतु अनुरोध किया गया। उक्त बैठक में वैज्ञानिकों व कॉस्मेटिक्स से सम्बन्धित कम्पनियों के प्रतिनिधियों को भी सम्मिलित करते हुए उप समिति बनाकर रिपोर्ट देने का निर्णय किया गया और साथ ही उक्त कमेटी को अपर मुख्य सचिव के अनुरोध पर उत्तर प्रदेश को भी सदस्य के रूप में नामित किया गया है।