आईएएस डॉ. अनिता भटनागर जैन की तीन पुस्तकों ‘गर्म पहाड़’, ‘कुम्भ’ व ‘दिल्ली की बुलबुल’ के सिन्धी संस्करण का विमोचन
- आईएएस डॉ. अनिता भटनागर जैन की तीन पुस्तकों 'गर्म पहाड़', 'कुम्भ' व 'दिल्ली की बुलबुल' के सिन्धी संस्करण का विमोचन

 

लखनऊ। डॉ. अनिता भटनागर जैन, आईएएस, भारतीय प्रशासनिक सेवा की 1985 बैच की उत्तर प्रदेश कैडर की अधिकारी हैं और वर्तमान में अपर मुख्य सचिव खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, उप्र शासन में कार्यरत हैं। डॉ. अनिता भटनागर जैन की अबतक विविध प्रकार के लेखन कार्य के करीब 40 प्रकाशन हैं, जिनमें बच्चों की कहानियाँ नन्दन में यात्रा वृतान्त कादम्बिनी व हिन्दुस्तान टाइम्स में एवं शोध-पत्र भी ऑन-लाइन एव अन्य प्रख्यात जरनल में प्रकाशित हुये हैं। इन विभिन्न पुस्तकों के माध्यम से पर्यावरण व नैतिकता पर ध्यान केन्द्रित करने के अतिरिक्त मुख्यतः यह भी प्रयास किया है कि मातृ भाषायें जीवित रह सकें और आज के तेजी से बदलते हुये परिवेश में भाषा की शुद्धता के साथ-साथ उन्हें जीवित रखा जा सके।

 

मई, 2018 में इनकी प्रथम पुस्तक 'दिल्ली की बुलबुल' का विमोचन राम नाईक, राज्यपाल, उत्तर प्रदेश द्वारा राजभवन लखनऊ में किया गया था। उक्त पुस्तक की लगभग 25000 प्रतियाँ बाल पाठकों तक करीब 9 राज्यों में पहुँच चुकी हैं। 'दिल्ली की बुलबुल' को इंडिया टुडे और यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के प्रोफेसर द्वारा भी इसे सराहा गया है। 'दिल्ली की बुलबुल' अंग्रेजी, सिंधी और उर्दू में अनुवादित की जा चुकी है और गुजराती व मराठी में अनुवादित की जा रही है। उक्त पुस्तक को महाराष्ट्र में कुछ निजी विद्यालयों ने अपने पाठ्यक्रम में भी सम्मिलित किया गया है।

आज विमोचित पुस्तकें

1.कुम्भ- नेशनल बुक ट्रस्ट के द्वारा प्रकाशित यह कुम्भ के सम्बन्ध में देश में बच्चों के लिये पहली पुस्तक बतायी जाती है। इसके माध्यम से बच्चे अपने संस्कृति व भारतीय सामाजिक मूल्यों के सम्बन्ध में जान सके यह प्रयास है।

2.गर्म पहाड- नेशनल बुक ट्रस्ट के द्वारा प्रकाशित यह तीन कहानियों का संकलन है। गर्म पहाड, पॉलीथीन की प्रलय जो एकल उपयोग प्लास्टिक से सम्बन्धित है और सोन चिरैया तालाब जो जलशक्ति अभियान को मूर्तरुप देने के बारे में है।

3.'दिल्ली की बुलबुल'- पर्यावरण व नैतिकता पर आधारित 10 लघु कहानियों का सिंधी संस्करण है।

रमेश पोखरियाल जी जो कि स्वयं महान चिन्तक, समाज सेवक और 65 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं, के द्वारा यह प्रसन्नता व्यक्त की गयी कि श्रीमती जैन के द्वारा प्रशासन के साथ-साथ अपनी सृजनात्मक शक्तियों को जीवित रखा गया है। उन्होंने अपने लेखन से विजन व मिशन को मुर्त रूप दिया है। पर्यावरण एवं कुम्भ जैसे महत्वपूर्ण, सामयिक विषयों पर सरल व रूचिकर कहानियों से बच्चों की सोच बदलने का व्यवहारिक प्रयास किया है। उनकी कहानियाँ जमीन पर लिखी गयी वास्तविकता से सीधी जुड़ी है, अतः इनका पाठकों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।

विमोचन के अवसर पर आशु जैन, भारतीय आयकर सेवा के वरिष्ठ अधिकारी, पंकज चतुर्वेदी, हिन्दी संपादक नेशनल बुक ट्रस्ट, सौरभ जैन, विद्या प्रकाशन मेरठ ने मंत्री का स्वागत किया। इस अवसर पर भारत सरकार के अनेक सचिव, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी व अनेक साहित्य प्रेमी भी उपस्थित थे।