200 से अधिक कामचोर अधिकारियों को सीएम योगी ने जबरन रिटायर किया

- योगी सरकार ने भ्रष्टाचार पर किया कड़ा प्रहार, सात पीपीएस अधिकारियों को दी अनिवार्य सेवानिवृत्त


- दो वर्ष में 200 से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों को जबरन रिटायर कर चुकी है योगी सरकार


- दो वर्षों में योगी सरकार ने 400 से ज्यादा अफसरों, कर्मचारियों को निलंबन और डिमोशन जैसे दंड भी दिए गए


लखनऊ, 7 नवम्बर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार करते हुए प्रांतीय पुलिस सेवा (पीपीएस) अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर डीजीपी ओपी सिंह ने बड़ा एक्शन लेते हुए सात पीपीएस अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्त दे दी है।


वित्तीय हस्तपुस्तिका खण्ड-2, भाग-2 से 4 तक में दिए गए अद्यावधिक संशोधित फण्डामेंटल रूल, 56 के खण्ड (सी) के अधिकारों के अन्तर्गत सरकारी सेवाओं में दक्षता सुनिश्चित करने के लिए प्रान्तीय सेवा संवर्ग के 7 पुलिस अधीक्षकों व सहायक सेनानायकों (जिनकी उम्र 31-03-2019 को 50 वर्ष अथवा इससे अधिक थी) को अनिवार्य सेवानिवृत्त किए जाने की स्क्रीनिंग कमेटी पर शासन द्वारा फैसला लेते हुए उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्त प्रदान की गई है।


पीपीएस अधिकारियों में 15वीं वाहिनी पीएसी आगरा के सहायक सेनानायक अरुण कुमार, अयोध्या के पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार राना, आगरा के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह राना, 33वीं वाहिनी पीएसी झांसी के सहायक सेनानायक रतन कुमार यादव, 27वीं वाहिनी पीएसी सीतापुर के सहायक सेनानायक तेजवीर सिंह यादव, मुरादाबाद के मण्डलाधिकारी संतोष कुमार सिंह, 30वीं वाहिनी पीएसी गोण्डा के सहायक सेनानायक तनवीर अहमद खां को अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान की गई है।


इससे पहले इन विभागों में बड़ा एक्शन हो चुका है :
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जीरो टालरेंस पर काम कर रही है। पिछले 2 वर्षों में योगी सरकार ने अलग-अलग विभागों के 200 से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों को जबरन रिटायर कर चुकी है। इन दो वर्षों में योगी सरकार ने 400 से ज्यादा अफसरों, कर्मचारियों को निलंबन और डिमोशन जैसे दंड भी दिए हैं। 


योगी सरकार ऊर्जा विभाग में 169 अधिकारियों, गृह विभाग के 51 अधिकारियों, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के 37 अधिकारियों, राजस्व विभाग के 36 अधिकारियों, बेसिक शिक्षा के 26 अधिकारियों, पंचायतीराज के 25 अधिकारियों, पीडब्ल्यूडी के 18 अधिकारियों, लेबर डिपार्टमेंट के 16 अधिकारियों, संस्थागत वित्त विभाग के 16 अधिकारियों, कामर्शियल टैक्स के 16 अधिकारियों, इंटरटेनमेंट टैक्स डिपार्टमेंट के 16 अधिकारियों, ग्राम्य विकास के 15 अधिकारियों, वन विभाग के 11 अधिकारियों पर कार्रवाई कर चुकी है।