- प्रदेश के समस्त जनपदों की सांस्कृतिक विरासत, लोक कलाओं, मेलों, प्रसिद्ध व्यंजनों आदि की सूची 30 अक्टूबर तक मंगाई जाय
- श्रीराम की अन्तर्राष्ट्रीय यात्रा पर आधारित डाॅक्यूमेन्ट्री, वीडीयो आदि तैयार करें
- भारतेन्दु नाट्य अकादमी में भारतेन्दु जी की मूर्ति लगायी जाय : डाॅ. नीलकण्ठ तिवारी
लखनऊ, 3 सितम्बर। उत्तर प्रदेश के संस्कृति, पर्यटन एवं धर्मार्थ कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ. नीलकण्ठ तिवारी ने आज पर्यटन भवन में संस्कृति विभाग के अधीन आने वाले सभी सेक्टरों की गहन समीक्षा करते हुए कहा कि महात्मा गांधी जी की 150वीं जयन्ती के समापन अवसर पर दो दिन का विधान सभा का अनवरत सत्र चलेगा। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा लिये गये संकल्पों के आधार पर सतत विकास पर विस्तार से चर्चा होगी। इस अवसर पर संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश को अद्भुत माॅडल के रूप में स्थापित करने के लिए मानव जीवन से जुड़ी बुनियादी सुविधाओं को लेकर कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करें।
डाॅ. नीलकण्ठ तिवारी ने निर्देश दिये कि प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों से उनके जनपद की सबसे प्राचीन व विख्यात सार्वजनिक रामलीला कमेटियों की सूची मंगवाई जाय। इसके साथ ही प्रदेश के 75 जनपदों की लोक कलाओं, खान-पान, गीत-संगीत, मेलों, त्योहारों एवं अन्य स्थानीय सुप्रसिद्ध विषयों की अभिलेखीकरण के लिए एक समिति बनायी जाय और आगामी 30 अक्टूबर तक उनकी सूची मंगवाई जाय।
संस्कृति मंत्री ने भारतेन्दु नाट्य अकादमी में भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की मूर्ति स्थापित करने के निर्देश देते हुए कहा कि 9 सितम्बर को भारतेन्दु जयंती के अवसर पर भव्य एवं दिव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाय। इसके अलावा संस्कृति नीति का सृजन एवं क्रियान्वयन, शास्त्रीय, उपशास्त्रीय, गायन, वादन एवं नृत्य विधा पर आधारित अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव का आयोजन, जनजातीय महोत्सव का आयोजन तथा दिव्यांगजन महोत्सव के आयोजन के लिए कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जाय।
डाॅ. तिवारी ने कहा कि 1857 से पूर्व जो मंदिर अस्तित्व में थे उनकी एक सूची बनाई जाय तथा इन प्राचीन धरोहरों को संरक्षित करने की रूपरेखा तैयार की जाय। उन्होंने कहा कि राम की अन्तर्राष्ट्रीय विश्व यात्रा परियोजना के सम्बंध में इराक में भगवान राम की 4000 वर्ष पुरानी प्रतिमा तथा होण्डुराम में हनुमान जी की प्रतिमा को देखते हुए विस्तृत एवं सुनियोजित कार्ययोजना बनाते हुए भारत सरकार के संस्कृति एवं विदेश मंत्रालय से सहयोग प्राप्त किया जाय। यह हमारे लिए अत्यन्त गर्व की बात है कि भगवान राम की सास्कृतिक विरासत पूरे विश्व में प्रमाणित रूप से उपलब्ध है। श्रीराम की अन्तर्राष्ट्रीय यात्रा पर आधारित वीडियो, वृत्तचित्र बनाने के साथ ही इसका अभिलेखीकरण भी किया जाय। उन्होंने ललित कला अकादमी को निर्देश दिये कि मूर्तियां, पेन्टिंग तथा पोट्रेट बनाने वाले कलाकारों को पुरस्कृत करने के लिए योजना बनाई जाय और इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए स्थानीय कलाकारों को इस विधा से जोड़ा जाय। उन्होंने भारतेन्दु जयंती के अवसर पर उनकी जीवन यात्रा पर आधारित पेन्टिंग व पोट्रेट तैयार करने के भी निर्देश दिये।
संस्कृति मंत्री ने कहा कि उप्र सांस्कृतिक विरासत के लिए विश्वविख्यात है तथा पूरे प्रदेश में जगह-जगह पौराणिक तथा ऐतिहासिक स्थल हैं इनका व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए संस्कृति विभाग योजनाएं तैयार करे। उन्होंने कहा कि इस वर्ष गुरूनानक जी की 585वीं वर्षगांठ है इसलिए श्री गुरूनानक जी से जुड़े स्थलों को जोड़ते हुए पर्यटन एवं संस्कृति विभाग विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करे। उन्होंने श्री गुरूनानक जी से जुड़े अयोध्या व वाराणसी को जोड़ने का सुझाव दिया।
संस्कृति मंत्री ने कहा कि संस्कृति निदेशालय से जुड़े विभिन्न विभागों को एक छत के नीचे लाने के लिए आवास-विकास परिषद से पत्र-व्यवहार करके सांस्कृतिक संकुल बनाने के लिए भूमि की व्यवस्था करायी जाय। इसके अलावा संस्कृति विभाग में रिक्त पदों को भर्ती के लिए भेजे गये अधियाचन पर चयन की प्रक्रिया शीघ्र पूरा करने के लिए लोक सेवा आयोग तथा अधीनस्थ चयन आयोग को अनुस्मारक पत्र भेजे जाएं। उन्होंने संस्कृति विभाग के अन्तर्गत निर्माणाधीन योजनाओं एवं भवनों आदि का निर्माण पूरी गुणवत्ता से सुनिश्चित करते हुए निर्धारित समय में पूरा करने के निर्देश दिये।
डाॅ. तिवारी ने संस्कृति निदेशालय के अधीन विभिन्न सेक्टरों में लोकार्पण व शिलान्यास के लिए योजनाओं की सूची तैयार करने की भी हिदायत दी। इसके अलावा भातखण्डे को समय-समय पर जारी की गयी धनराशि का ब्योरा भी पेश करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि संस्कृति विभाग सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण, अभिरूचि संवर्द्धन तथा प्राचीन रामलीला स्थलों की चहारदीवारी आदि का कार्य शीघ्र पूरा करें। इस अवसर पर प्रमुख सचिव संस्कृति जितेन्द्र कुमार, निदेशक भारतेन्दु नाटक अकादमी रवि शंकर खरे, निदेशक पुरातत्व आनंद कुमार सिंह, निदेशक वृन्दावन शोध संस्थान सतीश दीक्षित, संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष डाॅ. पूर्णिमा पाण्डेय समेत विभिन्न शोध संस्थानों से जुड़े अधिकारी मौजूद थे।
सबसे प्राचीन रामलीला समितियों की सूची बनाने का आदेश